“नालंदा गेस्ट हाउस के आसपास के ग्रामीणों ने सिलाव बीडीओ द्वारा दर्ज प्राथमिकी को बकबास बताया है और पुलिस पर किसी तरह के हमले-पथराव से साफ इंकार किया है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने घनी आबादी के बीच अन्य क्षेत्रों से लाए गए कोरोना संदिग्धों को रखकर उनमें भय का माहौल उत्पन्न की है । विरोध करने पर राजगीर एसडीओ-डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस बल ने रात अंधेरे घरों में घुसकर लोगों के साथ बुरी तरह से मारपीट की। महिलाओं को भी भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए अमानवीय व्यवहार किया तथा घरों में भारी तोड़फोड़ की। नालंदा थानेदार ने इस पूरे मामले में काफी विवादित भूमिका निभाई, लेकिन उसे ही कथित फर्जी मुकदमा का आईओ बना दिया गया है। ग्रामीणों ने पुलिस बर्बरता की घरों में लगे सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध कराई है…”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। नालंदा कोरोटाइन सेंटर को लेकर स्थानीय ग्रामीणों से हुई विवाद के बाद प्रशासन ने 9 नामजद एवं 100 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं के साथ प्राथमिकी दर्ज की गई है। नामजद आरोपियों में 3 महिलाएं भी शामिल हैं।
सिलाव प्रखंड विकास पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकरी आपदा कोरोना संक्रमण द्वारा नालंदा थाना में यह प्राथमिकी भादवि की धारा- 353, 153(ए), 295, 188, 269, 270, 271, 332, 504, 506, 323, एपीडिमिक डिजिज एक्ट-1987, राष्ट्रीय आपदा अधिनियम-2005 के तहत कांड संख्या-45/2020 दर्ज की गई है।
प्राथमिकी में कहा गया है कि सिलाव प्रखंड के नालंदा थानान्तर्गत मोहनपुर गांव में नालंदा गेस्ट हाउस को जिला पदाधिकारी को आदेश ज्ञापांक-556 दिनांकः 14.04.2020 के आलोक में कोरोना वायरस के संभावित संदिग्ध संक्रमण वाले व्यक्तियों को को कोरोन्टाइन करने के लिए कोरोटाइन सेंटर के रुप में अधिकृत किया गया है और कुछ ऐसे 20 लोग यहां आइसोलेशन में रखे गए हैं, जो संदिग्ध कोरोना संक्रमण के निकट के रिश्तेदार अथवा जान-पहचान की श्रेणी में हैं।
प्राथमिकी में आगे लिखा है कि जो कोरोन्टाइन किए जाने हेतु नांलदा गेस्ट हाउस में रखा गया, किन्तु स्थानीय लोगों द्वारा इसका विरोध किया जाने लगा। राजगीर एसडीओ एवं डीएसपी के घटनास्थल पर आने के बाद भी मौजूद लोगों के द्वारा सभी पदाधिकारी एवं पुलिस बल के साथ बहस करते रहे।
इन लोगों ने वरीय पदाधिकारी के द्वारा पूछताछ किए जाने पर इनमें अग्रणी भूमिका निभाने वाले लोगों से उसका नाम पूछे जाने पर अपना नाम इस प्रकार बताया गया।
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प्रो.(डॉ.) विश्वजीत कुमार, पिता स्व. रामेश्वर प्रसाद, नव नालंदा विहार में कार्यरत।
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श्री सुनील कुमार, पिता रामचरित्र शर्मा, वर्तमान शिक्षक, वारसलीगंज, नवादा।
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श्री अजय कुमार, पिता ज्वाला सिंह। 4. श्री उदय कुमार, स्थानीय निवासी।
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श्रीमति बिंदु देवी, पति श्री शशिभूषण कुमार।
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श्रीमति विनीता कुमारी, पति श्री विनय कुमार।
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श्रीमति खुशबू देवी, पति श्री अजय कुमार।
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श्रीमति ब्यूटी कुमारी, पति श्री रवि रंजन कुमार।
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रविरंजन कुमार, पिता विजय सिंह सभी साकिन नालंदा द्वारा लोगों को उकसा कर लगभग 100 की संख्या में भीड़ इकठ्ठी की गयी एवं कोरोटाइन सेंटर नालंदा गेस्ट हाउस से कोरेटाइन किए गए लोगों को बाहर निकाले जाने का दबाव बनाए जाने लगा। एवं विधि व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न की गई।
प्राथमिकी ने आगे लिखा है कि इन लोगों के द्वारा न केवल समाजिक एवं सांप्रदायिक सौहार्द भी बिगाड़ने की कोशिश की गई। पुलिस बल एवं पदाधिकारियों पर पथराव किया गया। भीड़ का नेतृत्व कर रहे उपरोक्त लोगों के द्वारा न केवल लॉकडाउन के नियमों का उलंघन किया गया, बल्कि लोगों की भीड़ ईक्ठ्ठा कर लॉकडाउन के मुख्य उद्देश्य को ही विफल किया गया।