कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर एक और जहां पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। जहां सोशल डिस्टेंसिंग ही इसका इससे बचाव का एकमात्र इलाज माना जा रहा है। वैसे तो हर दिन सोशल डिस्टेंसिंग उल्लंघन मामले में कार्रवाई हो रही है, लेकिन, झारखंड के सरायकेला- खरसावां जिला में इस कानून के अनुपालन को लेकर दो तरह का नियम बना हुआ है…
सरायकेला (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। एक नियम जिले के उपायुक्त चलाते हैं, तो दूसरा नियम आदित्यपुर नगर निगम के मेयर विनोद कुमार श्रीवास्तव। जरा देखिए इस तस्वीर को, यह तस्वीर 2 दिन पुरानी है।
वैश्विक संकट के बीच अचानक मेयर विनोद श्रीवास्तव को साधु संतों की याद आ गई और उन्होंने अपने आवास पर बुलाकर साधु संतों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। उन्हें सम्मानित कर उनका आशीर्वाद लिया।
इस दौरान मेयर के पुत्र अभिषेक विशाल सहित आरआईटी मंडल भाजपा के तमाम पदाधिकारी गण मौजूद थे। वैसे एक तरफ लॉक डाउन के उलंघन के मामले में हर दिन एफआईआर दर्ज किया जा रहा है तो दूसरी ओर आदित्यपुर नगर निगम के मेयर द्वारा हर दिन लॉकडाउन का उलंघन किया जा रहा है।
बड़ा सवाल कि क्या एक ही कानून को दो नजरिये से इस जिले में क्यों देखा जा रहा है। आप इस तस्वीर को जरा गौर से देखिए ना मास्क, ना सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा गया और आदित्यपुर के दर्जनों मन्दिरो के पुजारी को बुलाकर अपने आवास में मेयर द्वारा सम्मानित किया गया।
वैसे आपको बता दें कि इसी जिले में केवल अखबारों और सोशल मीडिया पर खबरें प्रकाशित होने पर एफआईआर दर्ज किया जाता है, अभी 2 दिन पहले ही सरायकेला नगर पंचायत के उपाध्यक्ष को सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और धारा 144 के उल्लंघन के मामले में जिला पुलिस ने पिछले दरवाजे से जेल भेजा था, हालांकि अगले दिन उनकी रिहाई हो गई।
इससे पूर्व जयराम यूथ स्पोर्टिंग क्लब द्वारा खाद्यान्न वितरण किए जाने के मामले में भी जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया पर फोटो और अखबारों में समाचार देखकर एफआईआर दर्ज कर दिया। तो उपायुक्त महोदय और आरआईटी थाना पुलिस को इतनी बड़ी खबर क्यों नहीं दिखी।
इससे साफ होता है, कि जिले में कानून का दो डंडा चलता है। एक रसूखदारों के लिए दूसरा गरीबों और मजलूमों के लिए।