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भूख से तड़पते लोग ढूंढ़ते रहे, लेकिन मेयर रहे थाना में पैरवी करने में मशगुल

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एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर नगर निगम के मेयर विनोद कुमार श्रीवास्तव पूरे लॉकडाउन के दौरान सुर्खियों में रहे। जहां क्षेत्र की जनता मेयर को देखने के लिए तरस गई। जहां जनता भूख से बिलबिलाती रही, लेकिन मेयर खास वार्ड छोड़ अपने महल से भी बाहर नजर नहीं आए।

WhatsApp Image 2020 05 25 at 6.24.29 PMवहीं लॉकडाउन चार के दौरान पहली बार लोगों ने मेयर को आदित्यपुर थाना में देखा।जहां लॉकडाउन के नियमों को ताक पर रखकर मेयर आदित्यपुर और गम्हरिया के रसूखदारों के साथ एक मारपीट के मामले को सुलझाने पहुंचे थे। हालांकि मेयर या अन्य रसूखदारों की यहां एक न चली और अंततः सभी को बैरंग लौटना पड़ा।

आपको याद दिला दें कि बीते शनिवार को सरायकेला- खरसांवा जिले के आदित्यपुर थाना अंतर्गत मोतीनगर में दो पक्षों के बीच हुए हिंसक झड़प में महिला समेत चार लोग बुरी तरह से घायल हुए थे। जहां दोनों ही

पक्ष एक दूसरे पर तलवारबाजी का आरोप लगाते हुए आदित्यपुर थाने में जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया है। वहीं पुलिस ने दोनों पक्षों से एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

इधर जेल भेजने से पूर्व आदित्यपुर थाना में मेयर विनोद कुमार श्रीवास्तव, क्षत्रिय संघ के शंभुनाथ सिंह, कांग्रेसी नेता राणा सिंह, सहित सैकड़ों की संख्या में सरूखदार थाने में दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने पहुंचे, लेकिन पुलिस की सख्ती के बीच किसी की दाल न गली।

वैसे रसूखदारों ने काफी प्रयास किया कि घायल संतोष सिंह को मेडिकली अनफिट घोषित करवाकर एमजीएम रेफर करवा लिया जाए, लेकिन जिले के एसपी के निर्देश पर दोनों आरोपियों को सरायकेला सदर अस्पताल में मेडिकल कराकर अंततः जेल भेज दिया गया।

वैसे जिला प्रशासन को इस मामले को सख्ती से लेने की जरूरत है। जिस तरह से आम लोगों के लॉकडाउन तोड़ने के मामले में सख्ती बरती जाती है, उसी तरह इन रसूखदारों पर भी नियम के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए।

अब देखना ये दिलचस्प होगा कि क्या वाकई जिला प्रशासन इन रसूखदारों पर कार्रवाई करती है, या मामले को ठंडे बस्ते में डाल देती है।

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