31 मार्च, एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क डेस्क। ड्राई फ्रूट्स की बात करें और काजू का जिक्र न हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। भारत में अलग-अलग स्थानों पर इसका उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जाता है।
झारखंड के जामताड़ा जिला जहाँ पूरे देश-दुनिया में साइबर ठगी के मामले में कुख्यात है, वहीं उम्दा किस्म के बेहद सस्ते दरों पर मिलने वाली काजू के लिए विख्यात है। इस शहर में काजू की कीमत सब्जियों के दाम के बराबर है।
जामताड़ा में काजू इतने सस्ते इसलिए बिकते हैं क्योंकि यहां तकरीबन 49 एकड़ इलाके में काजू के बागान फैले हुए हैं। जिनमें काम करने वाले लोग और महिलाएं इन्हें बेहद सस्ते दाम पर बेच देते हैं।
काजू की फसल में फायदा होने के चलते इलाके के काफी लोगों का रुझान इस ओर हो रहा है। ये बागान जामताड़ा ब्लॉक मुख्यालय से चार किलोमीटर की दूरी पर हैं।
कहा जाता है कि जामताड़ा में काजू की इतनी बड़ी पैदावार चंद साल की मेहनत के बाद शुरू हुई है। पूर्व उपायुक्त कृपानंद झा ने कृषि वैज्ञानिकों से जामताड़ा की भौगोलिक स्थिति का पता किया।
इसके बाद यहां काजू की बागवानी शुरू कराई। देखते ही देखते चंद साल में यहां काजू की बड़े पैमाने पर खेती होने लगी।
कृपानंद झा के यहां से जाने के बाद निमाई चन्द्र घोष एंड कंपनी को केवल तीन लाख रुपए भुगतान पर तीन साल के लिए बागान की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया।
काजू की बागवानी में जुटे लोगों ने कई बार राज्य सरकार से फसल की सुरक्षा की गुहार लगाई, पर खास ध्यान नहीं दिया गया। पिछले साल सरकार ने नाला इलाके में 100 हेक्टेयर भूमि पर काजू के पौधे लगाए जाने की बात कही थी।