एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। बिहार की राजधानी पटना के पूर्वी इलाके फतुहा से जोड़ने वाला पुनपुन नदी पर बना 127 साल पुराना ऐतिहासिक पुल गुरुवार को एक ओवर लोड ट्रक के गुजरने से भरभराकर गिर गया।
खबर है कि ट्रक के ओवरलोड की वजह से पुल का गार्टर खंभे से अलग हो गया। जिसकी वजह से पुल का दक्षिणी हिस्सा पूरी तरह से डैमेज हो गया।
अब इस पुल से पैदल भी आना जाना मुश्किल है। इस तरह पुल के टूट जाने से फतुहा का शहरी इलाका दो अलग-अलग भागों में बंट गया है।
पुनपुन नदी के इस पुल के पुराने हो जानें की वजह से इसपर भरी वाहनों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया था, बावजूद इसके पुल पर कोयला लदा ट्रक आया, जिसकी वजह से दुघर्टना घटी। हादसे के तुरंत बाद मौके पर स्थानीय लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई।
सूचना मिलने पर फतुहा थाना की पुलिस भी पहुंची। भीड़ को हटाया गया और लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुल के दोनों तरफ से बांस-बल्ला लगाकर बैरिकेडिंग कर दिया गया। जबकि इसी फतुहा थाना की निकम्मी और भ्रष्ट पुलिस ने कोल कारोबारियों से अपनी जेब गर्म कर ओवर लोडेड ट्रक को जान की देती रही।
इस पुल को साल 1894 में अंग्रेजों ने पुनपुन नदी के ऊपर बनाया था। पूर्वी दिशा के इलाकों को यही पुल पहले राजधानी पटना से जोड़ता था। जब जनसंख्या और फिर उसके हिसाब से गाड़ियों की संख्या बढ़ी तो सरकार ने फतुहा में ही पुनपुन नदी पर दूसरा पुल बनवाया था।
जब पटना-बख्तियारपुर फोरलेन बना तो पुनपुन नदी पर तीसरा पुल भी बना। लेकिन, अंग्रेजों के जमाने में बने इस पुल की महत्ता कम नहीं हुई।
फतुहा में गोविंदपुर और समसपुर को जोड़ने वाले इस पुल से होकर ही लोग त्रिवेणी घाट जाते हैं। जिसका धार्मिक और पर्यटन, दोनों ही मामलों में महत्व काफी बड़ा है।अब इस पुल के टूटने से स्थानीय लोगों को परेशानी होगी।