Home देश सुशांत, तुझे ऐसे अशांत नहीं जाना था..

सुशांत, तुझे ऐसे अशांत नहीं जाना था..

0

छिछोरे में अपने बेटे को आत्महत्या के दंश से उबारने वाले सुशांत ने खुद कर ली खुदकुशी…

INR / नवीन शर्मा। सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या करने की खबर पर यकीन नहीं हो रहा है। इसकी वजह भी है कि उसे अधिकतर बार हंसते मुस्कुराते हुए ही देखा है फिल्मों में भी और कभी-कभार किसी चैनल पर इंटरव्यू या अन्य कार्यक्रमों में।

उनके चेहरे पर व मुस्कान में एक बच्चे की तरह का भोलापन था जिसकी वजह से वे अन् अभिनेताओं से अलग नजर आते थे।

SUSHANT RAJPOOT 1सुशांत मुझे खास तौर पर इसलिए भी पसंद थे कि उन्होंने धौनी की बॉयोपिक में महेंद्र सिंह धोनी का किरदार परफेक्ट तरीके से निभाया था। रांची के राजकुमार धौनी तो अपने सबसे फेवरेट क्रिकेट खिलाड़ियों में शामिल थे ही।

इसलिए इस फिल्म में उनकी एक्टिंग देखने पर लगा कि धौनी की तरह दिखने। उसकी तरह ही बैटिंग करने। धौनी की तरह चलने, कंधे उचकाने, बोलने बतियाने और धौनी के जैसा ही रिएक्ट करने के लिए सुशांत ने काफी मेहनत की थी।

धौनी से कई बार मुलाकात कर उनकी हर गतिविधियों की बारीकियों पर ध्यान देकर। उन्हें निरंतर अभ्यास करने की वजह से ही वो एमएस धौनी अनटोल्ड स्टोरी में धौनी के रूप में जंचते हैं।

इस फिल्म में अनटोल्ड बातें कम ही थी खासकर हम रांची वासी मीडिया वालों के लिए। ऐसे में सुशांत सिंह राजपूत ने धौनी बनने के लिए जो मेहनत की थी उसी का कमाल था कि फिल्म अच्छी लगी थी।

हम कह सकते हैं कि सुशांत का चयन सही था। यह फिल्म हम रांची वालों को एक स्पेशल फिलिंग देती है। रांची में फिल्म के काफी हिस्से की शूटिंग हुई थी इसलिए एक अपनापन महसूस हुआ। ये दूसरी हिंदी फिल्म है जिसकी लंबी शूटिंग रांची में हुई पहली फिल्म प्रकाश झा की हिप हिप हूर्रे धी, जिसकी शूटिंग विकास विद्यालय में हुई धी।

अपनी प्यारी रांची को उसके राजकुमार के साथ बड़े पर्दे पर देखना प्राउड फिल देता है। जेवीएम श्यामली, मेकान, सीसीएल ,मेन रोड और रांची रेलवे स्टेशन को देखकर फिल्म अपनी अपनी लगी।

सुशांत पर मेरा ध्यान पहली बात 2013 में आई फिल्म काई पो चे से गया था। सिनेमा हॉल में तो ये फिल्म नहीं देख पाया था। टीवी पर यह फिल्म देखी थी। गुजरात के दंगों की पृष्ठभूमि पर बनी इस बेहतरीन फिल्म का नाम शुरू में अटपटा सा लगा।

इसका मतलब नहीं जानता था। पता चला कि गुजराती में पतंग को काटने के संदर्भ में ये इस्तेमाल होता है। जैसे हम हिंदी पट्टी के कहते हैं वो काटा या छूते फक।

सुशांत इस फिल्म में एक युवा क्रिकेट कोच बने हैं जो एक जूनियर मुस्लिम समुदाय के गरीब लेकिन प्रतिभाशाली खिलाड़ी को निशुल्क ट्रेनिंग देते हैं। सुशांत अपनी कद काठी और हाव भाव से सचमुच के खिलाड़ी होने की फिलिंग देते हैं।

इस फिल्म में  क्रिकेट खिलाड़ी की भूमिका विश्वसनीय ढंग से निभाने की वजह से ही उन्हें धौनी की बायोपिक में धौनी का रोल ऑफर हुआ था।

पिछले साल निर्देशक नीतीश तिवारी की फिल्म छिछोरे के लीड रोल में सुशांत ही थे। इसमें इन्होंने अनिरुद्ध पाठक का किरदार निभाया था। इसमें इंजीनियरिंग के इंट्रेंस एक्जाम में फेल होने की वजह से आत्महत्या का प्रयास करने अपने बेटे को आत्महत्या के दंश से उबारने में मदद करते हैं।

वे अपने कॉलेज के दिनों की बातें बता कर अपने बेटे राघव को समझाता है कि जीवन में किसी भी परीक्षा में फेल होना बुरा नहीं है। लूजर होना में भी कोई बुराई नहीं है बस अपनी पूरी ताकत झोंकनी चाहिए पूरा एफर्ट लगाना चाहिए उसके बाद रिजल्ट भले जो भी हो।

अनिरुद्ध बने सुशांत ने फिल्म में भले ही अपने बेटे को समझा बुझाकर आत्महत्या के दंश से उबारकर सही राह दिखा दी थी लेकिन ये तो रील लाइफ थी। वास्तविक जिंदगी के संघर्ष, परेशानियां और तनाव शायद कुछ ज्यादा होते हैं, जिनसे सहज उबरना बड़ा मुश्किल होता है। शायद इसीलिए सुशांत आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हुए।

लेकिन उनके जैसे हंसमुख, हैंडसम, स्मार्ट युवा से इस तरह जिंदगी से ऊब जाने, संघर्ष करने के बजाय यू सरेंडर करने की उम्मीद कतई नहीं थी। अभी तो महज 35 बसंत ही देखे थे ना तुमने। अभी तो एक लंबी पारी खेलनी थी यार।

तुम्हारे जैसा खिलाड़ी अच्छी बैटिंग कर रहा हो तो इस तरह से हिट विकेट कर अपना विकेट गंवा देने का कोई तुक नहीं बनता सुशांत। तुम पर जितना भी तनाव रहा हो, पर मुझे उससे निजात पाने का यह तरीका पसंद नहीं आया। तुम खिलाड़ी थे तो स्पोर्ट्समैन स्पिरिट भी दिखाते भाई। लड़ते-जूझते यूं ही हार ना मानते।

सुशांत सिंह राजपूत की फिल्में :

पैसा वसूल (2004)

शुद्ध देशी रोमांस (2013)

काई पो चे (2013)

पीके (2014)

डिटेक्टिव व्योमकेश बख्शी (2015)

एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी (2016)

केदारनाथ (2018)

गुस्ताखियां (2018)

वेलकम टू न्यूयॉर्क (2018)

रोमिया अख्तर वॉल्टर (2019)

छिछोरे (2019)

सोनचिरैया (2019)

ड्राइव (2019)

दिल बेचारा (2020)

पानी (2020)

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

error: Content is protected !!
Exit mobile version