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    Thursday, April 25, 2024
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      जमशेदपुर NIT के छात्रों ने जिला प्रशासन को सौंपी कोरेंटाइन की गजब तकनीक!

      जिला प्रशासन की ओऱ से इसे सुरक्षा जमशेदपुर नाम दिया गया है। जिससे छात्रों को काफी खुशी मिल रही है। वहीं संस्थान ने ऐसी विषम परिस्थिति में छात्रों द्वारा तैयार किए गए एप्प की सराहना की है…”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। वैश्विक महामारी कोरोना संकट से लड़ने के लिए अब इंजीनियरिंग के छात्र आगे आने लगे हैं। जहां झारखंड के जमशेदपुर एनआईटी के छात्रों ने एक ऐसे तकनीक का इजाद किया है, जिससे अब होम कोरेटाइन किए गए कोरोना के संदिग्धों पर आसानी से नजह रखी जा सकेगी।

      साथ ही इनके लोकेशन को ट्रैक किया जा सकेगा। इतना ही नहीं, इस तकनीक से कोरोना संक्रमित मरीज कहां-कहां गया है, और किससे-किससे मिला है, इसका भी पता आसानी से लगाया जा सकता है। तो है न मजे की बात।

      JAMSHEDPUR CORONA NIT 2झारखंड के जमशेदपुर एनआईटी के छः छात्रों ने संस्थान में खाली बैठे समय का सदुपयोग करते हुए इस तकनीक का इजाद करते हुए जिला प्रशासन को सौंप दिया है। वैसे जल्द ही यह एप्प गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध होगा।

       इस तकनीक को संस्थान में लॉक डाउन में फंसे मैकेनिकल और कंप्यूटर साइंस के छात्रों ने इजाद किया है। ये सभी छात्र चौथे सेमेस्टर के हैं, और सभी संस्थान में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।

      छात्रों ने बताया कि वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए इन्होंने इस तकनीक को इजाद करने का मन बनाया इसको लेकर जिला प्रशासन से अनुमति मांगा। वहीं जिला प्रशासन से अनुमति मिलते ही संस्थान के छः छात्रों ने एक हफ्ते के भीतर इस तकनीक का इजाद कर जिला प्रशासन को सौंप दिया।

      साथ ही छात्रों द्वारा दावा किया जा रहा है, कि जिला प्रशासन द्वारा एक और टास्क दिया गया है, जिसपर काम किया जा रहा है, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

      छात्रों ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से उन्हें एक ऐसे एप्प का निर्माण करने की जिम्मेवारी दी गई है जिससे जरूरतमंदों की सूचना प्रशासन और एनजीओ तक पहुंच सके। फिलहाल छात्र इस दिशा में काम कर रहे हैं।

      आइए अब जानते हैं, कैसे काम करता है यह एप्पः एप्प डेवलप करनेवाले छात्र वैभव ने बताया कि इसे बड़ी ही आसानी से इंस्टॉल किया जा सकता है, साथ ही होम कोरेंटाइन में रखे गए व्यक्ति पर कंट्रोल रूम से ही निगरानी रखी जा सकती है।

      वैभव ने बताया कि इसके लिए मोबाईल का जीपीएस रखना अनिवार्य होगा। साथ ही संदिग्ध का पूरा डिटेल्स देना होगा। जिसे कंट्रोल रूम में रजिस्टर किया जाएगा। उसके बाद संदिग्ध को हर दो घंटे में खुद की सेल्फी एप्प पर डालना होगा।

      इस एप्प की खासियत ये ही होगी कि इस एप्प से संक्रमित मरीज पूरी तरह से स्वास्थ्य सर्विलांस  पर रहेगा, और उसकी हर गतिविधियां कंट्रोल रूम को उपलब्ध रहेगा।

      वैसे खतरनाक रूप ले चुके कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने को लेकर एक ओर जहां पूरा विश्व हकलान है, वहीं बड़े- बड़े संस्थान इस खतरे को टालने में जुट गया है। इस कड़ी में झारखंड के जमशेदपुर एनआईटी ने एक बेहतरीन पहल की है।

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