“उन फंसे मजदूरों को वहां किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए मुख्यमंत्री लगातार ट्विटर के माध्यम से उन राज्यों के मुख्यमंत्री से अपील कर रहे है कि उनके लिए सरकार उचित व्यवस्था करें…”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। देश में 21 दिनों के Coronavirus लॉकडाउन की घोषणा के बाद झारखंड के कई मजदूर दूसरे राज्य में फंसे हुए हैं। इसकी सूचना विभिन्न माध्यमों से सरकार को मिल रही है।
वहीं अब मुख्य सचिव ने सरकार ने केंद्रीय नियंत्रण कक्ष के संसाधनों का प्रयोग करते हुए विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों के लिए अलग-अलग प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है।
राज्य में इस स्थिति से निपटने के लिए एक नियंत्रण कक्ष भी बनाया है।
वहीं श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरूण एक्का को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया है। इस बाबत एक पत्र राज्य के सभी विभागों के प्रधान सचिव को जारी कर सूचना दी गयी है।
मुख्य सचिव के जारी पत्र में बताया गया है कि देशव्यापी लॉकडाउन को देखते हुए विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों के खाने-पीने, रहने सहित अन्य समस्याओं के निपटारे का काम प्रभारी अधिकारी करेंगे।
ये सभी अधिकारी प्रत्येक दिन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक सूचना भवन में बनाये गये कंट्रोल रूम से सूचना लेंगे कि उनके प्रभार के राज्यों में राज्य के कितने मजदूर किन स्थानों पर फंसे हैं।
उसके बाद संबंधित राज्यों के राज्य या जिला प्रशासन से संपर्क कर उन मजदूरों के लिए समक्ष आ रही समस्याओं के निदान का प्रयास प्रभारी अधिकारी करेंगे।
उसके बाद प्रत्येक दिन की पूरी रिपोर्ट बनाकर शाम 6 बजे तक नोडल पदाधिकारी (श्रम, नियोजन विभाग के सचिव को) यथोचित सलाह एवं रिपोर्ट सौंपेंगे।