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    Wednesday, April 24, 2024
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      जिला जज की रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा- यूं हो रहा क्वारंटीन सेंटर का संचालन!

      जिला जज का यह निरीक्षण प्रतिवेदन पटना हाइकोर्ट के निर्देश पर तैयार किया गया है। कोर्ट ने एक याचिका ( CWJC 5609/2020,22.4.20 एवं 23.4.20 ) निपटाते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश, शिवहर को निरीक्षण प्रतिवेदन भेजने का आदेश दिया था। पटना हाइकोर्ट के निर्देश पर तैयार रिपोर्ट (निरीक्षण प्रतिवेदन) गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुभानी को भी भेजी गई है…”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। बिहार के शिवहर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (डीजे) की एक रिपोर्ट ने बिहार में कोरोना वायरस से बचाव और रोकथाम की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी है।lockdown cruption 1

      जिला जज की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि शिवहर में सामुदायिक किचन के नाम पर होटल से खाने के पैकेट मंगवा कर बांटे जा रहे हैं।

      क्वारंटीन सेंटर में तैनात डाक्टर के पास पीपीई किट नहीं है। मजदूरों, दिव्यांगों और अनाथों के लिए भोजन का प्रबंध नहीं किया है। सिर्फ झूठी घोषणा कर दी गयी।

      जिला जज ने दो पेज की रिपोर्ट की शुरुआत में लिखा है, आपदा प्रभारी अशोक दास से टेलीफोनिक वार्ता से पता चला कि जिले में एक सामुदायिक किचेन चल रहा है।

      इस सूचना पर न्यायालय प्रबंधक के साथ मौका मुआयना करने पहुंचा तो मौके पर मिले प्रभारी पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया  कि बालिका उच्च विद्यालय, शिवहर जो कि एक क्वारंटीन सेंटर भी है, उसमें 4-5 कोरोना संदिग्ध रह रहे हैं।

      और उसी विद्यालय में सामुदायिक किचेन भी है, जो चल नहीं रहा है। खाने का पैकेट होटल से मंगवाया जाता है।

      जज ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि प्रभारी पदाधिकारी ने जानकारी दी कि जिस होटल से क्वारंटीन सेंटर में खाने का पैकेट आता है वहीं से इंजीनियरिंग कॉलेज के 17-18 छात्रों को भी भोजन भेजा जाता है।

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      प्रभारी पदाधिकारी के पास उपलब्ध रजस्टिर में खाना खाने वालों का नाम लिखा था और उनके दस्तखत भी थे। प्रभारी पदाधिकारी ने बताया कि यहां दैनिक मजदूरों, दिव्यांगों और अनाथों के लिए भोजन का कोई प्रबंध नहीं है।

      निरीक्षण के दौरान मौके पर पहुंचे आपदा प्रभारी अशोक कुमार दास और एएसडीएम विपिन कुमार ने भी जानकारी दी कि यहां दैनिक मजदूरों, दिव्यांगों और अनाथों के खाने-पीने का कोई इंतजाम न पहले से था और न अब है।

      जिला जज ने रिपोर्ट में लिखा है कि इससे तो लगता है कि लॉकडाउन के बाद झूठी घोषणाएं की गयी थीं।

      जज ने लिखा है कि होटल से मंगया गया फूड पैकेट सीधे बांटना खतरनाक है। भोजन की जांच करने वाला कोई डाक्टर भी वहां नहीं मिला।

      बिना जांचा हुआ भोजन विषाक्त भी हो सकता है। रोजाना होटल से दो वक्त का खाना और नाश्ता मंगवाया जा रहा है, जो सामुदायिक किचेन की अवधारणा के खिलाफ है।

      जज ने लिखा है कि डायट के पास का एक स्कूल जो क्वारंटीन सेंटर भी है,उसका भी निरीक्षण किया गया।

      स्कूल में मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात सीओ मिले। वे बिना मास्क,बिना गलब्स के घूम रहे थे।

      सेंटर में तैनात डा रिजवान राशिद भी बिना कवच के थे। उन्होंने पीपीई किट नहीं पहना था। केवल मास्क और गलब्स लगाया हुआ था।

      पूछने पर बताया कि पीपीई किट की मांग की गयी है। मौके पर मौजूद पुलिस वाले भी बिना मास्क और बिना गलब्स के थे।

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