“पूरा विश्व कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एकजुट नजर आ रहा है। भारत भी इस वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला कर रहा है। भले संसाधनों की कमी है, लेकिन भावनाओं की कमी नहीं है। लोग एक दूसरे के साथ भावनात्मक लगाव के माध्यम से जुड़ रहे हैं और हर जरूरतमंदों की तरफ मदद की हाथ बढ़ा रहे हैं। लेकिन इस वैश्विक महामारी में आज भी राजनीति करने वाले लोग अपनी गंदी मानसिकता का परिचय देना नहीं भूल रहे…”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। हम बात कर रहे हैं झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिला के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र की। कल निगम क्षेत्र के वार्ड 27 में भूख से बिलख रहे लोगों की दास्तान दिखाई थी। जिसमें यह पाया गया था की पेट की आग बुझाने जब वार्ड 27 के लोग निगम के मेयर के घर पहुंचे, तो मेयर ने पुलिस बुलाकर सभी को बीमारी बताकर खदेड़वा दिया था। लाचार बेबस लोग वापस अपने घरों में लौट गए और अपनी बदकिस्मती का रोना रो रहे थे।
उधर कुछ गोदी मीडिया ने भी इस मामले को प्रमुखता से छापा, लेकिन मेयर के हवाले से उनके द्वारा यह भी छापा गया कि मेयर ने जरूरतमंदों की सूची बनवा कर पुलिस के माध्यम से वार्ड 27 में अनाज का वितरण करवाया। जो बिल्कुल झूठी खबर थी।
वैसे इसकी सत्यता की पड़ताल की। इन तस्वीरों में आप देख रहे हैं। ये है मेयर पुत्र और आर आईटी मंडल भाजपा के कार्यकर्ता। इन्होंने रात के अंधेरे में पुलिस के साथ मिलकर वार्ड 27 की सीमा से सटे वार्ड 29 में अनाज का वितरण किया।
वैसे वार्ड 29 से इनका कोई लेना-देना नहीं क्योंकि वार्ड 29 की पार्षद दिवंगत राजमणि देवी अब इस दुनिया में नहीं है। ऐसे में अपने पुत्र अभिषेक विशाल को यहां से चुनाव लड़ने की ताल ठोक रहे हैं और यही कारण है कि रात के अंधेरे में अपने पुत्र को मेयर चोरी-छिपे अनाज लेकर पुलिस के साथ वार्ड 29 में भिजवाया और गोदी मीडिया से ऐलान कर दिया कि उस बस्ती में अनाज भिजवाया गया है।
हाय रे मेयर। दिन के उजालों में जरूरतमंद लाचार बेबस गरीबों को बीमारी बता कर घर से भगवा दिया और रात के अंधेरे में बेटे से चोरी छिपे राजनीति भी कर दिया।