“एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क की प्रकाशित खबर पर एसडीओ डॉक्टर बशारत कयूम ने तत्काल संज्ञान लेते हुए यह राहत दी है। लॉकडाउन की अवधि में पीड़ित मानवता की ही सेवा सबसे बड़ी सेवा है। वहीं पास मिलते ही चंद्रशेखर ठाकुर अपनी पत्नी और किराए की गाड़ी लेकर अपने बीमार पिता की सेवा करने सहरसा निकल पड़े…
सरायकेला (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के सहरसा जिले के महेशी गांव के बुजुर्ग देव कृष्ण ठाकुर की गंभीर स्थिति की जानकारी मिलते ही सरायकेला एसडीओ डॉक्टर बशारत कयूम ने गंभीरता दिखाते हुए देर रात आदित्यपुर में रहने वाले बुजुर्ग के पुत्र चंद्रशेखर ठाकुर से संपर्क साधा और रातों-रात उन्हें पास मुहैया कराया।
एसडीओ डॉक्टर बशारत कयूम ने तत्काल संज्ञान लेते हुए यह राहत दी है। एसडीओ बशारत कयूम ने बताया कि लॉकडाउन की अवधि में पीड़ित मानवता की ही सेवा सबसे बड़ी सेवा है।
उन्होंने बताया बुजुर्ग के पुत्र ने पहले संपर्क नहीं किया था। अगर पहले ही संपर्क कर लेते तो आज वे अपने पिता के पास में होते। हालांकि उन्होंने देर रात चंद्रशेखर ठाकुर से फोन पर भी बात कर पूरा हाल जाना साथ ही उन्होंने इतने दिनों से परेशान होने पर चिंता भी जताई।
उन्होंने बताया कि चुकी चंद्रशेखर ठाकुर लॉकडाउन और पिता के हालात को लेकर मानसिक तनाव में थे और यही कारण है कि प्रशासनिक पदाधिकारियों तक नहीं पहुंच पा रहे थे, इसलिए विलंब हुआ।
उधर एक्सपर्ट मीडिया में प्रकाशित सूचना के बाद सहरसा एसडीओ ने भी बीडीओ के नेतृत्व में मेडिकल टीम को बुजुर्ग का हाल जानने महेशी गांव भेजा था। जहां बुजुर्ग की स्थिति का जायजा लेते हुए सहरसा सदर अस्पताल भेजने की अनुमति दे दी।
हालांकि बुजुर्ग की स्थिति काफी दयनीय है वहीं परिवार का कोई सदस्य नहीं होने के कारण उन्हें अस्पताल नहीं ले जाया जा सका वैसे बीडीओ ने गांव के मुखिया को देखरेख करते रहने का निर्देश दिया।
वैसे मेडिकल टीम ने उन्हें परिवार के बीच ही रखने की सलाह दी। इधर विवश पुत्र अपने ग्रामीणों से अपने पिता की देखरेख करते रहने की फरियाद लगाता रहा।
वहीं किसी ने सरायकेला एसडीओ डॉक्टर बशारत कयूम को इसकी सूचना दी। जिसके बाद फौरन वे हरकत में आए और रातों-रात पास की प्रक्रिया पूरी करते हुए उन्हें पास उपलब्ध करा दी।
पास मिलते ही चंद्रशेखर ठाकुर अपनी पत्नी के साथ सहरसा के लिए निकल पड़े। इस दौरान उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े।
उन्होंने एसडीओ के मानवीय संवेदना के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा ऐसे अधिकारियों तक अगर जरूरतमंद सीधे पहुंचे तो कभी कोई परेशानी नहीं हो सकती।
इससे पूर्व भी लॉकडाउन के दौरान सरायकेला एसडीओ डॉ बशारत कय्यूम की मानवीय संवेदना देखने को मिली है। जहां आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया के जेनिथ फोर्ज कंपनी में बंगाल के फंसे एक इंजीनियर की तबीयत काफी खराब होने की सूचना पर उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए बीमार इंजीनियर शशि कुमार यादव को आसनसोल भिजवाया था।
कुछ रेस्क्यू ऑपरेशन में गम्हरिया प्रखंड विकास पदाधिकारी धनंजय की भी भूमिका काफी सराहनीय रही थी। एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क ऐसे संवेदनशील अधिकारियों के जज्बे को सैल्यूट करता है। काश ऐसे ही अधिकारी पूरे देश में हो तो कोरोना या किसी भी जंग से हम जीत सकते हैं।
वैसे इस पूरे अभियान में अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद के जमशेदपुर इकाई के अनुरोध पर सहरसा इकाई भी सक्रिय होने की सूचना मिल रही है जो संभवतः सुबह बीमार बुजुर्ग को अस्पताल तक ले जाने वाले हैं।
वहीं एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क सहरसा एसडीएम केवी प्रयासों की सराहना करती है। उन्होंने मामले को संज्ञान में आते ही मेडिकल टीम बुजुर्ग के घर भिजवा कर उनका हाल जाना।
फिलहाल हम ईश्वर से यही कामना करते हैं कि पुत्र के पहुंचने तक बुजुर्ग की सांसें चलती रहे। वैसे जीवन- मृत्यु तो ऊपर वाले के हाथ है।