” बिहार देश की राजनीति को हमेशा प्रभावित करता रहा है। चरवाहा से चन्द्रगुप्त बनाने वाले चाणक्य इसी बिहार के थे। पहले नालंदा सरीखा दुनिया में कोई विष्वविद्यालय नहीं था। आज यहां की हालत बदली हुई है।”
नालंदा (राम विलास)। देश की राजनीति संक्रमण काल से गुजर रही हैं। राजनीति में आवाम की भागीदारी घटती जा रही है। चुनाव में मतदान कम होना इसका प्रमाण है। संपन्न चुनाव में देश में 57 फीसदी मतदान किया गया है। राजनीति में विश्वास का घटना चिंता और चिंतन का विशय है। यही हाल शिक्षा व्यवस्था की है। राजनीति केवल विधायक और सांसद बनना ही नहीं है, बल्कि मानव निर्माण का कारक है। उक्त बातें रालोसपा के प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन के दौरान वक्ताओं ने यह कही।
राजनीति, शिक्षा और जल संकट की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया के 200 विष्वविद्यालयों में से भारत के केवल एक आईआईटी खड़गपुर है। देश 200 अंक से पीछे है। तपोभूमि राजगीर ने सिद्धार्थ को महात्मा बुद्ध और वर्द्धमान को तीर्थंकर महावीर बनाया है। उन्होंने कहा कि इतिहास को केवल खिड़कियों से झांकने की नही, दुहराने की जरूरत है। शिक्षा एक मात्र हथियार है, जिसे अपना कर भारत फिर से जगतगुरू बन सकता है।
शिक्षा और शिक्षक की बदहाली की चर्चा करते हुए रालोसपा अध्यक्ष डा. अरूण कुमार ने कहा कि देश की राजनीति संक्रमण काल से गुजर रहा है। आज शिक्षा बदहाल है। यह बदहाली शिक्षकों के लिए चुनौती है। उन्हें चुनौती स्वीकार कर गिरती हुई शिक्षा व्यवस्था को उपर उठाना चाहिए। शिक्षक सरकार के मुलाजिम नहीं, वे छात्रों के पथ प्रदर्शक हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों को सम्मान मिलना चाहिए। इसके लिए शिक्षकों को भी कर्तव्य पालन करना चाहिए।
डा. राम मनाकहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, कर्पूरी ठाकुर, डा. भीमराव अंबेडकर, फूले के आदर्शों पर चलने की आवश्यकता पर जोर देते हुए डा. अरूण ने प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को घर- घर तक सफल बनाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि राजनीति और जल संकट की तरह जल संकट भी है। जल संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि पानी की वर्बादी को हर हाल में रोकना जरूरी है।
सरहद की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भूटान के मुद्दे को लेकर चीन भारत के सामने खड़ा है। चीन को जवाब देने के लिए भारत का अग्नि-6 तवांग में तैनात है। यदि चीन दुस्साहस किया तो देशनाबुद हो जायेगा। इसके निर्माता मिसाइल मैन पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम की तारीफ की।
उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा युवा शक्ति का राष्ट्र भारत है। कौशल विकास के जरीये भारत चीन से आगे निकल सकता है। इस योजना से हुनर सीख कर युवा स्कील्ड बन कर अपनी पैरों पर खड़ा हो सकते हैं।
पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवकुमार सिंह ने कहा कि देश की बड़ी आवादी राजनीति से कटती जा रही है। उनके रानीतिक घृणा के कारणों को तलासने की जरूरत है। धर्म और राजनीति की चुनौतियां समय-समय पर बदलती रहती है।
नई चुनौतियों का मुकावला करने के लिए नये हथियार गढ़ने की आवष्यकता बताते हुउ उन्होंने कहा कि डा. अरूण कुमार के नेतृत्व में ही रालोसपा बड़ा बदलाव ला सकता है। कर्पूरी फॅर्मूले को देश में लागू करने की आवष्यकता उन्होंने बताया। पुस्तकालय संस्कृति को पुर्नजीवित करने और स्कूलों में शैक्षणिक माहौल बनाने का आवष्कता बताया।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ललन पासवान ने कार्यक्रम का संचालन किया। अति पिछड़ा प्रकोष्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश बिन्द ने आगत अतिथियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर प्रो. सरफराज अहमद, जार्ज विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष विज्ञान सिंह, शशि, खुर्षीद अनवर समेत अनेक लोगों ने विचार व्यक्त किया।