“बिहार में अब सुशासन और जीरो टॉलरेंस की बात नहीं कीजिए। सीएम नीतीश कुमार मीडिया में अपना गाल बजाते रहें। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय फेसबुक लाइव पर प्रवचन देते रहें। अररिया के एक गुंडा अफसर को प्रमोशन देने से साफ है कि शासकीय आतंक की अंतिम सरंक्षक सत्ता ही है…”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। खबर है कि एक होमगार्ड जवान से कान पकड़ कर सरेआम उठक-बैठक कराने वाले अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार का स्थानांतरण करते हुए उन्हें उपनिदेशक बना दिया गया है।
बिहार सरकार ने एक गुंडा अफसर को दंडित करने के बजाय प्रमोशन दे दिया है। इस अफसर का विभागीय मंत्री से लेकर सीधे मुख्यमंत्री तक की पहुंच बताई जा रही है। यही कारण है कि हटाते समय ऐसे चहेते अफसर का हौसला न टूटे, इसीलिए उसका ओहदा उंचा कर दिया गया है।
बता दें कि पूरा मामला अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार से जुड़ा है, जो होमगार्ड जवान के साथ बीच सड़क खुली गुंडई को लेकर मीडिया की सुर्खियों में आ गया था।
मामला सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल होने के बाद सरकार ने आनन-फानन में जांच के आदेश दिए थे, लेकिन जांच के नाम पर कुछ खास नहीं हुआ। बिहार सरकार ने इस अधिकारी को स्थानांतरण के साथ ही पदोन्नति का उपहार दे दिया।
एक पुलिसवाले के साथ गलत व्यवहार करने वाले इस अधिकारी पर कार्रवाई करने की बजाय सरकार की मेहरबानी और प्रमोशन मिलने से सवाल उठने लगे हैं।
बिहार सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, जिला कृषि पदाधिकारी (अररिया) मनोज कुमार का स्थानांतरण उपनिदेशक (प्रशिक्षण कार्यालय) अपर कृषि निदेशक प्रसार पटना में किया गया है।
अररिया में हुई इस घटना के बाद मामले ने तूल पकड़ा था, तो खुद विभाग के मुखिया यानी कृषि मंत्री ने भी जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने 24 घंटे के अंदर कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन जो हुआ वो सबके सामने है।
बिहार के पुलिस मुखिया डीजीपी ने भी अपने विभाग के एक साथी सिपाही के साथ हुई इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई थी।
मनोज कुमार अररिया में जिला कृषि पदाधिकारी के पद पर कार्यरत थे, लेकिन वहां से उनका प्रमोशन करते हुए सीधे उपनिदेशक यानी डिप्टी डायरेक्टर बनाकर पटना भेज दिया गया है।
इस मामले में अररिया के कृषि पदाधिकारी के खिलाफ ऑन ड्यूटी जवान के साथ मिसबिहेव करने को लेकर अररिया थाना में एफआईआर दर्ज किया गया है।
बिहार पुलिस के एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार के अनुसार अररिया का ये मामला सोशल मीडिया के माध्यम से काफी वायरल हुआ था। इसी प्रकरण में डीजीपी द्वारा वहां मौजूद एक एएसआई गोविंद सिंह को सस्पेंड भी किया गया था।