“बेशक बिहार में शराब बंद नहीं, महंगी हुई है। राज्य के हर जिले के चप्पे-चप्पे में शराब की होम डिलवरी हो रही है। यहां सिर्फ कहने की शराबबंदी है। सीएम नीतीश यह कहकर इस गंभीर मामले को हल्का कर देते रहे हैं कि यहां शराब की बात सिर्फ वही लोग करते हैं, जिन्हें शराब पीने को नहीं मिलती। दरअसल, शराबबंदी के आयने में वे अपना चेहरा देखना ही नहीं चाहते। बहरहाल, युवा जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वह शराब के नशे में थिरकते और शराबबंदी को सरेआम मुंह चिढ़ाते नजर आ रहा है…”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। वर्ष 2016 से ही बिहार में शराबबंदी लागू है। सीएम नीतीश कुमार इस समय पूरे देश में शराबबंदी के सबसे बड़े चेहरे के रूप में हैं। लेकिन क्या बाकई में यह सच है? बिल्कुल नहीं। सिर्फ गोदी मीडिया जनित है सबकुछ। तस्वीर बहुत ही विद्रुप है।
हालांकि शराबंदी को मजाक बनाती कई तस्वीरें और वीडियो पहले भी वायरल हो चुकी है। जिन महकमों को इसकी सफलता की जबावदेही सौंपी गई थी,वे ही खुद नंगे दिखते रहे हैं।
पुलिस और उत्पाद विभाग के विरले कर्मी ही ये दावा कर सकता है कि उसने शराबबंदी को कमाई का जरिया न बनाया हो।
अभी वायरल हो रहे वीडियो में नीतीश की पार्टी के नेता भी शराबबंदी का मखौल उड़ाते नजर आ रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के युवा ईकाई के प्रदेश उपाध्यक्ष शराब पार्टी करते और शराब की बोतल के साथ डांस करते नजर आ रहे हैं।
डांस करने वाले नेता की पहचान युवा जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष विशाल गौरव के रूप में हुई है। विशाल शिवहर के रहने वाले है। उसे 16 मार्च को ही प्रदेश उपाध्यक्ष का पद दिया गया था।
वायरल हो रहे वीडियो में विशाल अमिताभ बच्चन की फिल्म शराबी के हिट गाने मुझे नौलक्खा मंगा दे रे सईया दीवाने पर थिरकते नजर आ रहे हैं।
इस वीडियो में विशाल का एक दोस्त भी नजर आ रहा है। जो सिगरेट का कश मारने के बाद उनके साथ नाच रहा है।
सोशल मीडिया में ये वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने इसे अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर करते हुए सरकार के दावों की पोल खोली।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस वीडियो को ट्विट करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से विशाल गौरव की गिरफ्तारी की मांग की।
तेजस्वी ने लिखा कि इसे तुरंत गिरफ़्तार किया जाए।
क़ानून का उल्लंघन करने वाला यह शख़्स अगर गिरफ़्तार नहीं होता है तो इसका स्पष्ट अर्थ है कि सरकार स्वयं इस क़ानून का उल्लंघन कर और करवा रही है।
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