एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। कभी-कभी आंखो के सामने वह मंजर दिखता है, जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते। अभी थोड़ी देर पहले कुछ फोटो प्राप्त हुए हैं। उस फोटो में एक युवक घरों में अकेले खाद्य सामग्री बांटते हुए दिख रहा हैं…
उस युवक का नंबर उपलब्ध करा कर उससे बातचीत की गई। निःसंदेह बातचीत से जो स्वरुप उभर कर सामने आए, वे काफी प्रेरक और हर किसी को झकझोरने वाले हैं, जो समर्थ होते हुए भी अंतिम पायदान पर खड़े असहाय लोगों से मुंह छुपाए रखने में ही भलाई समझते हैं।
यहां जिस युवक की बात कर रहा हूं, उसका नाम सन्नी कुमार है। वह बेन बाजार इलाका का रहने वाला है और जहानाबाद जिले के एसएस कॉलेज से स्नातक पास है।
22 वर्षीय सन्नी खुद का कारोबार करता है। वह घर-घर जाकर मसाला बेचता है। उसके पिताजी नारी-त्यारी गांव में छोट-मोटा राशन दुकान चलाते हैं।
ऐसे पारिवारिक हालात का युवक यदि इस लॉकडाउन में जरुरतमंदों के घर-घर भोजन की सामग्री पहुंचा रहा है तो उसकी कितनी भी प्रशंसा की जाय, कम है।
बकौल सन्नी, वह अपनी जेब और अपने मित्रों से पैसे का जुगाड़ कर सामग्री खरीद कर बांट रहा है। उसने बेन के गरीब टोलों के दर्जनों लोगों के घरों में मुफ्त सामग्री पहुंचाई है। इस कार्य से उसे असीम खुशी मिलती है।
सन्नी ने इस सहयोग भावना के पीछे ‘एक मैम’ का नाम बताया। लेकिन पहले उसने उस मैम का नाम बताने में खूब आनाकानी की। बहुत कुरेदने पर उसने बेन थानेदार पिंकी प्रसाद का नाम बताया और कहा कि वे भी सहयोग करते हैं।
वेशक किसी युवक की मानवीय कार्यों के कसीदे नहीं गढ़े जा सकते, लेकिन उसका हौसला अफजाई तो किया ही जा सकता है।
समाज-व्यवस्था को चाहिए कि आगे आकर ऐसे संवेदनशील युवक का हौसला बढ़ाए, ताकि वे एक मिसाल बन पाए। क्योंकि सन्नी सरीखे युवक कोई मीडियाई प्रचार के लिए यह सब नहीं कर रहा है, बल्कि, उस महत्वाकांक्षा से इतर अपनी किशोर मन की धुन में लगा है।