✍️ मुकेश भारतीय / एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क
आज फेसबुक, ट्वीटर, व्हाटसएप्प सरीखे माइक्रो ब्लॉगिंग सोशल साइट समाज,राजनीति और व्यवस्था का एक बड़ा आयना उभरकर सामने आया है। लोग उस पर किसी भी समस्या-तस्वीर को मुद्दा बना डालते हैं। लेकिन यहां आम भावनाओं पर गंभीर बहस कम फुहड़ता की प्रदर्शन अधिक हो रहा है। युवा वर्ग के बीच उभरते कुसंस्कार काफी चिंता जनक है।
बिहार के नालंदा जिले के बेन ईलाके की एक जर्जर विद्यालय की तस्वीर काफी शर्मनाक करने वाली है। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार एक लंबे अरसे से इसी इसी क्षेत्र से निर्वाचित हैं और उनका पैत्रिक गांव भी यहीं हैं।
फिर क्या था। उस पोस्ट पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। लेकिन सारी प्रतिक्रियाएं अपशब्दों में बदलते गए। इस बहसबाजी की भद्दी-भद्दी गालियां पढ़ने में भी शर्मिदगी महसुस होती है। मंत्री श्रवण कुमार हों या प्रतिद्वंदी नेता कौशलेन्द्र कुमार के समर्थक। युवा-किशोरों ने खुलकर उस गंदी मानसिकता का परिचय दे दिया, जैसी परिवेश में उनकी परवरिश हुई है।
जबकि छोटे मुखिया ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि नालन्दा विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा का बदहाल सूरत। अब कितना वक्त चाहिए। सुने थे दशा दस वर्षों में बदलती है। 25 वर्ष के बाद भी यह हालात है। दलालों, चमचों का विकास हुआ। बेन से दिल्ली तक दौलत के हजारों चिन्ह पड़े। लेकिन वेन प्रखण्ड के कनकु बीघा प्रा .वि. शिक्षा मंदिर की हालत है। इसके लिए कौन जिम्मेदार?
एक जीवंत समस्या पर चल रही भद्दी बहसबाजी के बीच एक ऑडियो भी वायरल हुई। उस ऑडियो में मंत्री श्रवण कुमार के पुत्र की आवाज भी बताई जा रही है। जिसमें एक मंत्री पुत्र के अहम-वहम भी सामने आती है।