Sunday, October 6, 2024
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    कोविड-19 इफेक्ट:  बेपटरी हुआ टूरिज्म सेक्टर, यहाँ दिख रहा बड़ा असर

    एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। ऐसे तो समूचे बिहार में कोविड महामारी की दूसरी लहर ने टूरिज्म सेक्टर का दीवाला निकाल रखा है। लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के राजगीर, नालंदा, पावापुरी और सिलाव में इसका बड़ा असर देखने को मिल रहा है।

    RAJGIR NALANDA ZOO SAFARI GLAS BRIDGE 3खबर है कि सैलानियों से सालों भर गुलजार रहने वाला राजगीर कोरोना के चलते पर्यटन उद्योग पूरी तरह बैशाखियों पर आ चुका है। सैकड़ों होटलों में जहां ताला लटका हुआ है तो वहीं वहां काम करने वाले हजारों कामगार अपनी नौकरी गंवा चुके हैं।

    हालांकि, अब राजगीर के वेणुवन को खोल दिया गया है। पहले दिन पर्यटकों का टोटा दिखा। जयप्रकाश उधान के साथ भी वहीं हाल है। पांडू पोखर ईलाका भी वीरान दिख रहा है।

    वैसे बिहार में एक माह के लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे अनलॉक होना शुरू हुआ है। लेकिन अभी तक होटलों को खोले जाने पर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। इस कारण यहां होटल व्यवसाय पूरी तरह तबाह हो चुका है।RAJGIR NALANDA ZOO SAFARI GLAS BRIDGE 1 696x519 1

    अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में पिछले मार्च महीने में पर्यटकों से गुलजार हुआ ही था कि फिर से कोरोना की दूसरी लहर ने राजगीर को बेरंग कर दिया। प्रतिदिन दस हजार से ज्यादा पर्यटक राजगीर भ्रमण को आया करते थे। लेकिन अब राजगीर को लाखों का नुक़सान उठाना पड़ रहा है।

    राजगीर में सिर्फ होटल व्यवसाय या ऐतिहासिक स्थल ही नहीं बल्कि फुटपाथों पर व्यवसाय करने वाले ,टमटम चालकों,ई रिक्शा, सभी प्रभावित हुए हैं। उनकी रोजी रोटी खत्म हो चुकी है। जीजिविषा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

    राजगीर के अलावा पावापुरी और खाजा नगरी सिलाव में भी धंधा मंद हो चुका है। सिलाव में खाजा व्यवसाय भी चौपट हो चुकी है। थोड़े बहुत बसों के परिचालन से थोड़ा बहुत खाजे की बिक्री हो जाती है, लेकिन वह भी ऊंट के मुंह में जीरे लायक।

    Kovid 19 effect tourism sector derailed broken back of Nalanda Rajgir Silav Pavapuri 1राजगीर में महीनों से मंदिर बंद रहने से पुजारियों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। कुंड क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ है।

    राजगीर के कई अंतरराष्ट्रीय स्थल जिनमें सोन भंडार, जरासंध अखाड़ा, मनियार मठ, बिम्बिसार जेल, घोड़ाकटोरा, वेणुवन, नेचर सफारी,रज्जू मार्ग, जयप्रकाश उधान, विश्व शांति स्तूप आदि महीनों से बंद पड़ा हुआ है। जिस कारण यहां पर पलने वाले सैकड़ों दुकानदार अपने धंधे से हाथ धो बैठे हैं। कुछ तो अन्य सबंल अपना चुके हैं।Kovid 19 effect tourism sector derailed broken back of Nalanda Rajgir Silav Pavapuri 4

    वहीं हाल नालंदा का है। नालंदा खंडहर, म्यूजियम, ह्वेनसांग मेमोरियल, कुंडलपुर आदि सभी दर्शनीय स्थल बंद पड़े हुए है। पर्यटकों की आमद नहीं होने से नालंदा में सन्नाटा पसरा हुआ है।

    नालंदा खंडहर के पास तीन दर्जन से ज्यादा फुटपाथी दुकान के अलावा होटल व्यवसाय भी ठप्प है। सिर्फ इतना ही नहीं नालंदा खंडहर के गाइड भी बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं।इन गाइडों की रोजी-रोटी का जरिया पर्यटक ही थे। वहीं नालंदा और राजगीर के स्टूडियो संचालक भी बेरोजगारी का ठप्पा झेल रहे हैं।

    नालंदा में जैन तीर्थ स्थल पावापुरी भी सन्नाटे में है। पावापुरी जल मंदिर में अजीब सन्नाटा दिखता है। जैन तीर्थालंबियो और मंत्रों से गुंजायमान रहने वाला जलमंदिर के आसपास एक अजीब चुपी दिखती है।

    RAJGIR NALANDA ZOO SAFARI GLAS BRIDGEजलमंदिर के आसपास दर्जनों दुकानदारों की रोजी-रोटी खत्म हो चुकी है। कुछ दुकान खोलने की कोशिश करते हैं तो श्रद्धालुओं के नहीं आने से उनके चेहरे फीके पड़े हुए हैं।

    राजगीर में सैकड़ों होटल बंद पड़े हुए हैं। यहां काम करने वाले हजारों लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं। वहीं बड़े होटल बंद है।

    लेकिन सरकार टैक्स वसूल रहीं है। वहीं बिजली विभाग भी बिजली बिल की वसूली कर रही है। सरकार की ओर से कोई राहत नहीं मिलने से होटल व्यवसाय संकट में है।

    Kovid 19 effect tourism sector derailed broken back of Nalanda Rajgir Silav Pavapuri 7वहीं कई छोटे मोटे होटल संचालक अपना धंधा समेटकर दूसरे धंधे अपना लिए। टमटम चालकों के पास खुद के खाने के लाले पड़े हुए हैं वैसे में अपने घोड़े के खाने का प्रबंध बामुश्किल हो रहा है।

    कोरोना महामारी ने राजगीर टूरिज्म की कमर तोड़ कर रख दी है। फिलहाल सरकार के नये गाइडलाइन के निर्देश के तहत आज से पार्क खुले हैं।

    वेणुवन में एका दुक्का पर्यटक नजर आएं। जबकि पांडू पोखर को शुक्रवार से सैलानियों के लिए खोल दिया जाएगा। वहां अभी साफ सफाई चल रही है।

    ऐसे में राजगीर के पार्क और उधानों  में कितनी रौनक बिखरती है, यह तो बाद की बात है। जबतक देशी-विदेशी पर्यटकों से राजगीर गुलजार नहीं होगा, राजगीर की फिजा में फिलहाल ऐसा ही सन्नाटा पसरा रहेगा।

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