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    Saturday, November 23, 2024
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      न्यायः हिलसा कोर्ट ने वादी को दोषी ठहराया, दी 7 साल की सजा

      हिलसा (संवाददाता)। नालंदा जिले के हिलसा कोर्ट द्वारा संभवत: पहली बार पुलिसिया अनुसंधान पर अपनी मुहर लगाई। कोर्ट न केवल अभियुक्त को बरी कर दिया बल्कि वादी तथा उसके परिजन को ही दोषी ठहराते हुए साल सात कैद की सजा सुना दी।

      ऐसा फैसला सोमवार को अपर जिला जज एसके पांडेय द्वारा बलात्कार के प्रयास में हत्या करने के मामले को निष्पादित करते हुए सुनाया गया।

      प्रभारी अपर लोक अभियोजक राजाराम प्रसाद ने बताया कि तेल्हड़ा थाना के बदलपुर गांव के खंधा में सुधा देवी उर्फ सुगी देवी की हत्या कर दी गई।

      इस संबंध में बदलपुर गांव निवासी रामदेव प्रसाद द्वारा गांव के ही रामाधीन प्रसाद उर्फ बच्चु प्रसाद के विरुद्ध थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। एफआईआर में वादी ने अभियुक्त पर बलात्कार करने की कोशिश करने तथा असफल होने पर हत्या कर देने का आरोप लगया।

      इस मामले में पुलिसिया अनुसंधान में पूरा मामला ही उलट गया। अनुसंधान में यह बात आई कि मृतका सुधा देवी उर्फ सुगी देवी की हत्या बलात्कार के दौरान नहीं की गई बल्कि दहेज के लिए की गई।

      इस घटना को अंजाम देने में कोई और नहीं बल्कि वादी रामदेव प्रसाद तथा उसके पुत्र सोनू कुमार के अलावा दो नजदीकी रिश्तेदार रत्न यादव एवं डोमन यादव शामिल थे।

      पुलिस ने प्राथमिकी के नामजद अभियुक्त रामाधीन प्रसाद उर्फ बच्चु प्रसाद को निर्दोष बताते हुए अप्राथमिकी अभियुक्त कांड के वादी वादी रामदेव प्रसाद तथा उसके पुत्र सोनू कुमार के अलावा दो नजदीकी रिश्तेदार रत्न यादव एवं डोमन यादव के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित  किया गया।

      सुनवाई के दौरान उपलब्ध साक्ष्य एवं गवाहों के ब्यान के आधार पर न्यायालय ने भी पुलिसिया अनुसंधान में आरोपित किए गए उक्त आरोपितों को न केवल दोषी ठहराया गया बल्कि सात-सात की सजा सुना दी। कोर्ट द्वारा सुनाए गए उक्त फैसले के बाद लोगों में न्याय के प्रति विश्वास जगा।

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