नालंदा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। देश में कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए पिछले 2 महीना से लॉक डाउन चल रहा है और इसी बीच अन्य राज्यों से मजदूरों के अपने घर लौटने का सिलसिला जारी है। यहां रोज प्रवासी मजदूरों का आवागमन हो रहा है।
लेकिन उनके लिए क्वारेंटाइन सेन्टर तो बना दिया गया है। जिसमें सरकारी सुविधा नदारत है। ऐसे वेवश प्रवासियों से बिहार के सीएम नीतीश कुमार भले ही वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संपर्क नहीं साध सकते हों, लेकिन अपने गृह जिले में छोटे-बड़े चहेते जनप्रतिनिधियों-अफसरों से हालचाल तो ले हीं सकते हैं।
नालंदा जिले के इसलामपुर प्रखंड के कोचरा में बाहर से आए प्रवासी मजदूरों की हालत अंत्यंत दयनीय है।
मजदूर संवर्ग के अरुण पासवान, दीपक पासवान, वीरु पासवान, रंजीत कुमार आदि ने बताया कि वे लोग दिल्ली पंजाब आदि शहरो से घर पर आएं हैं। लेकिन घर पर रहने नहीं दिया गया।
तब वे सब कोचरा पंचायत भवन क्वारंटाइन सेंटर में ठहरने के लिए पहुंच गये। यहां पर पहले से लोग ठहरे हुए हैं। ऐसी हालत में सेंटर के आस-पास पेड़ य खुले आसमान के नीचे गुजर-बसर कर रहे है।
मजदूरों ने कहा कि यहां आए दो दिन हो गए हैं। फिर भी कोई मेडिकल जांच नहीं हुआ है। और न ही सरकारी तौर पर किसी तरह का व्यवस्था है। खाना पीना तो दूर की बात है। यहां पर रहना भी मुश्किल है। फिर भी किसी तरह से समय गुजार रहे हैं।
वे कहते हैं कि घर से खाना आने पर भोजन करते है। यदि नहीं आया तो भूखे सो जाते हैं। यदि आचनक मौसम का मिजाज बदल गया और बारिश होने लगा, तब वे लोग कोरोना से तो नहीं लेकिन बारिश के पानी की चपेट मे आकर अस्वस्थ हो सकते है।
इधर समाजसेवी आलोक कुमार ने प्रवासी मजदूरों के लिए प्रशासन द्वारा ठहरने व खाने पीने के लिए उचित व्यवस्था नहीं किया जाना गंभीर चिंता का विषय है।