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    Friday, April 19, 2024
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      ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस में महादेवी वर्मा सम्मान से सम्मानित हुए ये 16 विभूतियां

      महादेवी वर्मा साहित्य और संगीत में निपुण होने के साथ साथ कुशल चित्रकार और सृजनात्मक अनुवादक भी थीं। कवि निराला ने उन्हें “हिन्दी के विशाल मन्दिर की सरस्वती” भी कहा है।....

      पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ डेस्क)। राजधानी पटना के  भारतीय नृत्य कला मंदिर में ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस की ओर से महान कवयित्री और सुविख्यात लेखिका महादेवी वर्मा की जयंती के मौके पर महादेवी वर्मा स्मृति समारोह सम्मान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 16 विभूतियों को महादेवी वर्मा सम्मान से अलंकृत किया गया।

      कार्यक्रम की शुरुआत ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन तथा अन्य के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर और चित्रगुप्त वंदना के साथ हुआ।

      कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि साहित्य जगत में महादेवी वर्मा का नाम ध्रुव तारे की तरह प्रकाशमान है। महादेवी वर्मा हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवियित्रियों में से हैं। वह हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती हैं।

      ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस की प्रबंध न्यासी  रागिनी रंजन ने कहा कि साहित्य में महादेवी वर्मा का आविर्भाव उस समय हुआ जब खड़ीबोली का आकार परिष्कृत हो रहा था। उन्होंने हिन्दी कविता को बृजभाषा की कोमलता दी, छंदों के नये दौर को गीतों का भंडार दिया। उन्हें आधुनिक मीरा भी कहा गया है।

      जीकेसी की प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि महादेवी वर्मा एक महान कवयित्री होने के साथ-साथ हिंदी साहित्य जगत में एक बेहतरीन गद्य लेखिका के रूप में भी जानी जाती हैं।

      आलोक राज ने कहा कि महादेवी वर्मा जी एक मशूहर कवियित्री तो थी हीं, इसके साथ ही वह एक महान समाज सुधारक भी थीं। कवि निराला ने उन्हें “हिन्दी के विशाल मन्दिर की सरस्वती” भी कहा है।

      ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) के कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष देव कुमार लाल ने कहा कि महादेवी वर्मा ने खड़ी बोली हिन्दी की कविता में उस कोमल शब्दावली का विकास किया जो अभी तक केवल बृजभाषा में ही संभव मानी जाती थी।

      इस मौके पर अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए 16 विभूतियों को सम्मानित किया गया। जिनमें  रिपुदन श्रीवास्तव (साहित्य), आलोक राज( गायन), अनुप्रभा दास (मिथिला पेटिंग), मृणालिनी अखौरी (लोकगायन), पंखुरी श्रीवास्तव (शास्त्रीय संगीत), मनीष वर्मा (ब्लॉगर), निशांत उज्जवल (फिल्म), समीर परिमल (कविता), कुमार रजत (पत्रकारिता), मर्यादा कुलश्रेष्ठ निगम (शास्त्रीय नृत्य), श्यामल दास (पेटिंग), राजकुमार नाहर (शास्त्रीय संगीत), हिना रिजवी (शायरी), नीतु सिन्हा ‘तरंग (लेखन), प्रिया मल्लिक (पार्श्वगायन) और अनुशा चित्रांशी (लेखन) शामिल है।

      कार्यक्रम के दौरान जूरी पैनल में शामिल सुशील भारती, डा.राजीव रंजन प्रसाद, शिवपूजन झा और मंजरी श्रीवास्तव, विशिष्ठ अतिथि अशोक प्रसाद, जीकेसी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव, एजुकेशन सेल के अध्यक्ष दीपक कुमार वर्मा, युवा संभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाला सौरभ वर्मा समेत कई पदाधिकारी भी मौजूद थे।

      कार्यक्रम के दौरान समीर परिमल, कुमार रजत, हिना रिजवी हैदर, नीतु सिन्हा ‘तरंग ने कविता पाठ कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं श्री आलोक राज और प्रिया मल्ल्कि ने पार्श्वगायन जबकि पंखुरी श्रीवास्तव और मर्यादा कुलश्रेष्ठ ने शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति देकर समां को बांध दिया।

      इस दौरान बीफॉर नेशन और दीदीजी फाउंडेशन के बच्चों ने डांस पर आधारित प्रस्तुति देकर लोगों का मन मोह लिया। कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष देव कुमार लाल ने देव कुमार लाल एंड फ्रेडस के साथ संगत कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया।

      कार्यक्रम में जीकेसी कला संस्कृति प्रकोष्ठ और मीडिया सेल के अधिकारियों को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया।

      कार्यक्रम अंत में धन्यवाद ज्ञापन जीकेसी की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्रीमती रिद्धिमा श्रीवास्तव ने किया।कार्यक्रम का सफल संचालन आरजे श्वेता सुरभि और जीकेसी महिला संभाग की कार्यकारिणी अध्यक्ष संपन्नता वरूण ने किया।

      समारोह में विशेष रूप से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक कुमार अभिषेक, राष्ट्रीय सचिव संजय कुमार, मीडिया सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार युवा संभाग के प्रभारी राजेश सिन्हा संजू, धीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, बलिराम जी, अधिवक्ता संजय कुमार सिन्हा, अनुराग समरूप, अभिषेक शंकर, सुशांत सिन्हा, रश्मि लता, डॉ प्रियदर्शी हर्षवर्धन, रवि सिन्हा, हर्ष सिन्हा, सुभाषिनी स्वरूप, निखिल के डी वर्मा, कुमार गौरव, आशुतोष ब्रजेश, पीयूष श्रीवास्तव, सैयद सबीउद्दीन, राजेंद्र यादव, नागेंद्र जी, मधुप मणि पिक्कू, डॉ श्वेता सहित कई लोग उपस्थित हुए।

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