एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। झारखंड के स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता के गृह जिला जमशेदपुर में देर रात मानवता शर्मशार हुई है। कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में गम्भीर रूप से घायल एक मरीज को न तो अस्पताल की ओर से स्ट्रेचर मुहैया कराया गया, न ही वॉर्ड बॉय या स्वास्थ्यकर्मी या नर्स मिला।
मजबूर होकर घायल को अस्पताल लेकर पहुंचनेवाले पुलिसकर्मी और ऑटो चालक ने मिलकर घायल को अस्पताल के भीतर पहुंचाया। घायल के दुर्भाग्य ने उसका यहां भी पीछा नहीं छोड़ा। जहां बेड के अभाव में घायल को जमीन पर इलाज कराना पड़ा।
अब मरीज जिंदा रहेगा या मर जाएगा ये तो मरीज की स्थिति को ही देखकर अनुमान लगाया जा सकता है। वैसे अस्पताल की व्यवस्था को लेकर घायल को लेकर पहुंचे पुलिसकर्मी और ऑटो चालक ने जमकर भड़ास निकाला।
दरअसल, घटना बुधवार देर रात की है। जहां साकची थाना अंतर्गत साकची गोलचक्कर के समीप मारपीट की सूचना पर पहुंची पीसीआर पुलिस ने गम्भीर रूप से घायल एक युवक को स्थानीय लोगों के सहयोग से लेकर कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम अस्पताल पहुंचाया।
कुव्यवस्था के लिए विख्यात इस अस्पताल में एकबार फिर से मानवता शर्मसार हुई। जहां गंभीर रूप से घायल मरीज को लेकर पहुंचे पीसीआर पुलिस अधिकारी और ऑटो चालक घंटों मरीज को रिसीव कराने को लेकर इधर से उधर भटकते रहे। न तो वार्ड ब्वाय मिला, न ही कोई अन्य स्वास्थ्य कर्मी।
मजबूरन पीसीआर पुलिस और ऑटो चालक ने स्ट्रेचर पर खुद घायल युवक को अस्पताल के भीतर पहुंचाया। जहां मरीज को बीड तक नसीब नहीं हुआ। मरीज जमीन पर ही घंटों तड़पता रहा। वैसे अस्पताल के चिकित्सकों ने इलाज तो शुरू कर दिया, लेकिन ऊपर वाला ही घायल को बचा सकता है।
यह नजारा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के गृह जिले में स्थित कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की है। ऐसे सरकार और सरकारी तंत्र इस अस्पताल को सुधारने का लाख दावा कर ले, लेकिन जमीनी सच्चाई यही है।
वैसे युवक कौन है और उसके साथ क्या घटना हुई है। यह बताने वाला फिलहाल कोई नहीं है। पुलिस तफ्तीश में जुटी हुई है और युवक के होश में आने का इंतजार कर रही है।