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    Saturday, April 20, 2024
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      कुशासनी ‘बिल’ से बौराई पुलिस ने सिंचाई विभाग के एक निर्दोष कर्मी को थाना में पीट-पीट कर मार डाला

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। बिहार में सुशासन की पुलिस ने थर्ड डिग्री से एक बेकसूर सिंचाईं विभाग के कर्मी को थाना में मार डाला। यह राक्षसी वारदात भागलपुर जिले के बरारी थाना की है।

      खबर है कि बरारी थाना पुलिस ने मारपीट के मामले में सिंचाई विभाग के एक निर्दोष कर्मचारी को पकड़कर थाना लाया और इस कदर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया कि उसकी मौत हो गई। जबकि उसे किसी तरह के विवाद की कोई जानकारी नहीं थी।

      बताया जाता है कि बरारी थानाक्षेत्र के मायागंज स्थित पासवान टोले के शीश पासवान, रामस्वरूप पासवान और ग्वाल टोली के लुचो यादव के परिवार के बच्चे में दिन में ही कहासुनी हुई थी।

      बाद में ग्वाल टोली से काफी संख्या में लोग पासवान टोला पहुंच शीश पासवान, रामस्वरूप पासवान आदि के घर घुसकर मारपीट की। घटना की जानकारी पर पहुची पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की।

      उस दौरान बरारी थाने में तैनात अवर निरीक्षक दुर्गानंद हांसदा को भी लोगों ने लाठी से पीट दिया था। स्थिति नियंत्रण से बाहर होती देख अधिक संख्या में पुलिस बल को वहां तैनात कर दिया गया।

      इस दौरान सिटी एएसपी पूरण कुमार झा मौके पर पहुचे। बरारी पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में ले लिया। उसी इस दौरान बरारी से लौटे सिंचाई विभाग कर्मी संजय अकेला को भी पुलिस पकड़ कर थाने लेते आई।

      संजय बांका में पोस्‍टेट थे। उसे हिरासत में लेने का विरोध उसके बेटी ने की भी की। इस पर पुलिस ने एक नहीं सुनी।

      बेटी का कहना था कि उसके पिता तो बाहर से आ रहे हैं, इस झगड़े से उनका कोई लेनादेना नहीं था। लेकिन पुलिस ने उसे भी पकड़कर थाने लेते गई। बेटी रोटी रही लेकिन उसकी आवाज पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

      उसने यह भी कहा कि पिता की तबियत ठीक नहीं रहती पर किसी ने उसकी एक नहीं सुनी। थाने ले जाकर संजय से पुलिस घटना के संबंध में सख्ती से पूछताछ की गई। उसी दौरान उसकी तबियत अचानक बिगड़ गई और वह मूर्छित हो गिर गया। तत्‍काल उसकी मौत हो गई।

      हत्यारोपी बरारी पुलिस की दलील है कि संजय की तबियत खराब होने की शिकायत पर जवाहरलाल नेहरू अस्पताल मायागंज के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हृदय गति रुक जाने से हो गई।

      इधर संजय अकेला की पत्नी, स्वजन आदि का कहना है कि पुलिस जब उसे घर के पास से पकड़ कर ले गई तो वहां सख्ती से पेश आई। जबकि वह बाहर से तुरन्त घर पहुंचा था। थाने में ही उसकी मौत हुई है। घटना के समय वह यहां मौजूद भी नहीं था।

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