“यदि बिहार में कोविड-19 संक्रमण की भयावह स्वरुप लेती जा रही है तो इसमें कुशासन के करींदों की भी कम कारस्तानी नहीं है। क्योंकि यहां हर कायदा-कानून और आदेश-निर्देश खास लोगों पर ही लागू नहीं किए जाते...….
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। नालंदा जिला मुख्यालय बिहार शरीफ का अति संवेदनशील इलाका में एक मॉल धड़ल्ले से अपना कारोबार कर रहा है। जबकि यह स्थान कांटेंनमेंट जोन के तहत आता है और किसी भी तरह के आम व्यवसाय पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
लेकिन इस मॉल को लेकर जो वीडियो फुटेज उपलब्ध हुए हैं, उससे साफ जाहिर के है कि कोरोना के कर्मवीरों ने खुद के लिए अगल कायदे बना रखे हैं। यहां पुलिस-प्रशासन के लोग एवं उनके परिजन ही अधिक खरीदारी करते कभी भी देखे जा सकते हैं।
ऐसी बात नहीं है कि यह किसी से छुपी है। सब जानते हैं कि रामचन्द्रपुर ईलाके में अंजता सिनेमा के पास इस मॉल के माल की मिठास के सामने एसपी-डीएम तक के हनक भी फीके हैं।
इस बिग बाजार जैसे बड़े मॉल चोर दरवाजा खोलकर प्रतिदिन सैकड़ों ग्राहक लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है। किसी को कोई चिंता नहीं है कि यहां कोरोना पॉजिटिवों की संख्या अधिक होने के कारण कांटेंनमेंट जोन में रखा गया है।
सवाल उठना लाजमि है कि आखिर किसके आदेश और मानसिकता से कोरोना की भयावहता के बीच संक्र्मण के खतरे को बढ़ावा दिया जा रहा है। क्या बिग बाजार सरीखे कारोबारी फायदे के लिए अपने कर्मचारियों के साथ साथ एक बड़ी आबादी की जान जोखिम में कमाई करने पर तुली है।
सबसे शर्मनाक बात बात है कि लोगों के बीच जुबानी और डंडा की हनक दिखाने वाले शासन के नुमाइंदे अब अपनी कौन सी विद्रुप छवि गढ़ रहे हैं। उन्हें इतना तो मालूम ही होगा कि बीमारी और मौत पर समरथ न कछु दोष गोसाईं वाली उक्ति लागू नहीं होती। अगर होती तो जिले में कई अफसर-कर्मी और उनके परिजन कोरोना पोजेटिव नहीं पाए जाते।