“यानी पहले की ही तरह व्यवस्था रहेगी। केंद्र सरकार ने पाबंदियों के साथ शराब की दुकानें खोलने की छूट दी थी, पर झारखंड में शराब की दुकानें भी नहीं खुलेंगी। सभी दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, कार्यालय, फैक्ट्री, गोदाम, साप्ताहिक, हाट-बाजार, धार्मिक स्थल दर्शनार्थियों के लिए पूर्णतः बंद रहेंगे…
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि 17 मई तक बढ़ा दी है। इस चरण में तीन जोन में बांटा गया है। रेड जोन, ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन में कई तरह की छूट और पाबंदी है।
लेकिन झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा दी गयी छूट को लागू नहीं करने का फैसला किया है। यहां जिस प्रकार से लॉकडाउन का पालन किया जा रहा था, उसी प्रकार किया जाता रहेगा।
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में रविवार को हुई बैठक में यह निर्णय हुआ है। बैठक में योजना सह वित विभाग के सचिव केके खंडेलवाल, स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी उपस्थित थे।
बैठक में हुए निर्णय की फाइल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजी गयी थी। जिस पर सीएम ने सहमति जतायी है। सरकार का मानना है कि पिछले दिनों से राज्य में प्रवासी मजदूर आ रहे हैं, उससे सरकार को चौकस रहने की आवश्यकता है।
बता दें कि कोरोना को देखते हुए केंद्र ने 17 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाते हुए सभी जिलों को रेड, ग्रीन और ऑरेज जोन में बांटा है। तीनों ही जोन में अलग-अलग तरह की पाबंदी और छूट दी गयी है।
इससे पहले गत 22 मार्च को ही झारखंड सरकार ने कोविड-19 के प्रसार पर अंकुश लगाने को लेकर 31 मार्च तक पूरे राज्य में पूर्णतया तालाबंदी (लॉकडाउन) करने का निर्णय लिया था।
यह निर्णय सीएम आवास में हुई बैठक में लिया गया था। हालांकि बाद में केंद्र के लॉकडाउन को देखते हुए राज्य सरकार ने भी लॉकडाउन बढ़ाया था।
लॉकडाउन 2 के दौरान केंद्र के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने भी 20 अप्रैल को सरकारी कामकाज में कुछ छूट दी थी। इसमें कहा गया था कि केंद्र के निर्देश बाद 20 अप्रैल से सरकारी प्रतिष्ठानों में आवश्यकतानुसार अधिकारी कामकाज को निपटायेंगे।
इससे पहले सरकार के आदेश के तहत आकस्मिक सेवाओं को छोड़कर राज्य सरकार के सभी कार्यालयों को बंद रखा गया था। सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को अपने घर से सरकारी कार्यों को निपटाने का निर्देश मिला था।
टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, बसें, ई-रिक्शा, रिक्शा के संचालन सहित किसी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के परिचालन पर पूर्ण रोक रहेगी। स्वास्थ्य सेवाओं को इससे बाहर रखा जायेगा। सभी प्रकार के निर्माण कार्य स्थगित रहेंगे।