पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क ब्यूरो)। बिहार में एक तरफ कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ बिहार की सियासत कोटा में फंसे छात्रों पर जाकर केन्द्रित हो गई है।
कोटा में फंसे लगभग दस हजार छात्रों के मुद्दे उछालने और लपकने की रफ्तार तेज है। पहले तेजस्वी ने छात्रों के मुद्दे को हवा दी तो अब पप्पू यादव छात्रों को लाने की मांग पर अडे हुई है।
राजद ने राज्य के लोगों की हितों की अनदेखी का आरोप लगाया तो कांग्रेस ने नीतीश कुमार का समर्थन किया है, वही भाजपा साइलेंट मोड में आ गई है।
कोटा में कोरोना के नये मरीज मिलने के बाद अभिभावक चिंतित है। खुद कोचिंग छात्रों ने भी ट्विटर पर अभियान छेड़ दिया।
अब जानकारी मिल रही है कि कोटा में फंसे बिहारी छात्रों को लाने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग सक्रिय हुई है। सोमवार से छात्रों का जत्था कोटा से बिहार के लिए रवाना हो जाएगा।
कोटा में फंसे छात्रों ने आपदा प्रबंधन विभाग की हेल्पलाइन पर फोन कर जानकारी दी है कि उन्हें बस से लौटने का पास मिल गया है।
वैसे छात्र जो कोटा से सोमवार को रवाना होंगे। उनकी जांच बिहार सीमा पर ही की जाएगी। जिसके बाद बिहार में प्रवेश दिया जाएगा।
साथ ही इन सभी छात्रों को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत 14 दिनों के लिए छात्रों के गृह के नजदीक आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा।
कोटा में फंसे बिहारी छात्रों के लिए एक बड़े कोचिंग सेंटर ने भी अपने छात्रों को लौटने के लिए निबंधन कराकर बिहार भेजने की बात कही थी।
बताया जा रहा है कि कोटा में बिहार से लगभग दस हजार से ज्यादा छात्र फंसे हुए है। जबकि यूपी, असम, गुजरात सहित दूसरे राज्यों ने अपने बच्चे बुला लिये थे।
रविवार देर शाम भी कोटा से कश्मीर के छात्र रवाना हो गये थे। कोटा में इस समय बिहार और महाराष्ट्र के ज्यादातर छात्र फंसे हुए हैं। इससे पहले भी बिहारी छात्रों ने सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से उन्हें वापस लाने की मांग की थी।