वेशक समाज-व्यवस्था के शातिर लोग बच्चों को जरिए गंभीर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। जयराम पेशा से लेकर हत्या तक। ऐसे में एक मामले की सुनवाई के बाद नालंदा जिला किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी सह अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानवेनद्र मिश्रा ने एक ऐसा आदेश परित किया है, जैसा न कभी सुना है और न कभी पढ़ा है। इस प्रकार का बिहार में यह पहला मामला है कि जेजेबी ने किसी थाना को असली दोषी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ठोस कार्रवाई करने के आदेश दिए हो और किसी थानेदार ने त्वरित कार्यवाही करते हुए प्राथमिकी दर्ज कर ली हो। ऐसे फैसले को बिहार के सभी पुलिस कार्य क्षेत्रों के संदर्भ में भी देखा जा सकता है.…
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। नालंदा जिला किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी सह अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानवेनद्र मिश्रा ने दीपनगर थाना में दर्ज एक नाबालिक पांचवी क्लास की छात्र के मामले में पाया कि उक्त विधि विरुद्ध किशोर दावेदार का इस्तेमाल किसी गैंग अथवा वयस्कों के समूह द्वारा किया जा रहा है।
अपराध की प्रकृति से भी स्पष्ट हुआ कि कोई बालक शराब का विनिर्माण, भंडारण, वितरण स्वंय नहीं कर सकता है। आरोपी बालक ने भी परिषद को बताया कि उसे 100 या 200 रुपए प्रतिदिन केवल वितरण के लिए कोई ‘अंकल’ देते हैं।
समाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट के अवलोकन में इसकी पुष्टि स्वंय बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी सह दीपनगर थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार भी करते हैं।
किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 78 के अन्तर्गत किसी मादक शराब, स्वापक औषधि या मनः प्रभावी पदार्थ को बेचने, फेरी लगाने, ले जाने, प्रदाय करने या तस्करी करने के लिए बालक का उपयोग करता है, कठोर कारावास से जिसकी अवधि सात वर्ष तक हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माना से जो एक लाख रुपए तक हो सकेगा, भी दण्डनीय होगा।
इसीलिए नालंदा किशोर न्याय परिषद सर्वसम्मति से अपने पूर्ण दृष्टिगोचरता में धारा 78 के अन्तर्गत उपरोक्त अपराध का संज्ञान लेते हुए दीपनगर थाना प्रभारी सह बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को यह निर्देश देती है कि जेजेबी एक्ट-2015 की धारा 78 के अधीन अविलंब एक प्राथमिकी दर्ज कर परिषद को सूचित करे तथा अपने अनुसंधान द्वारा वैसे सक्रीय गैंग को चिन्हित कर गिरफ्तार करे एवं न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करे, जो बच्चों का इस्तेमाल इस अपराध को करने में कर रहे हैं।
नालंदा किशोर न्याय परिषद ने यह भी आदेश दिया कि जांच अवधि के दौरान आरोपी बालक छात्र का नाम पता पहचान गुप्त रखेंगे। उसकी सुरक्षा संरक्षण का विशेष ध्यान रखेंगे। क्यों कि इस संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि अभ्यासिक अफराधी गैंग अपने विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज एवं कार्रवाई से आहत होकर किशोर को क्षति पहुंचाने, डराने, धमकाने का प्रयास भी करेंगे।
उधर, किशोर न्याय परिषद के आदेश की प्रति मिलते ही दीपनगर के थाना प्रभारी ने जुवेनाईल जस्टिस एक्ट-2015 की धारा-78 के तहत कांड संख्या-110/20 दर्ज कर ली है। इस मामले को पुअनि अनिता कुमारी की लिखित आवेदन पर दर्ज की गई है…?
?जानिए क्या था पूरा मामला… ??
JJB जज मानवेन्द्र मिश्रा का एक और बड़ा आदेश- ‘अवैध शराब बिक्री के आरोपी छात्र को घर पहुंचा परिजन को तत्काल दें भोजन’
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। नालंदा जिला किशोर न्याय परिषद (जेजेबी कोर्ट) के प्रधान दंडाधिकारी सह अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा ने अवैध शराब बिक्री कार्य करने के आरोप में पकड़े गए एक पांचवीं क्लास के छात्र को मौके पर रिहा कर दिया।
साथ ही दीपनगर थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार को छात्र को घर तक छोड़ने एवं उसकी मां को इस लॉकडाउन में राशन सामग्री मुहैया कराने के निर्देश भी दिए गए।
कोर्ट के निर्देश पर थानाध्यक्ष ने आरोपी छात्र को सुरक्षित घर ही नहीं पहुंचाया, अपितु उसकी मां को मास्क, चावल, दाल, आलू, तेल, मसाला आदि भी खुद जाकर सौंपे।
कहा जाता है कि बीते कल 26 अप्रैल को दीपनगर थाना के सामने पुलिस वाहन चेंकिंग कर रही थी कि करीब साढ़े दस बजे एक युवक उजला रंग की अपाची बाइक से राजगीर मोड़ की तरफ से बिहार शरीफ की ओर आ रहा था। लेकिन पुलिस को देखते ही वह युवक बाइक छोड़कर भागने लगा। जिसे पुलिसकर्मियों ने खदेड़ कर पकड़ा।
बाइक की जांच करने पर पुलिस को उसमें रखे प्लास्टिक की 10 पन्नी में प्रति पाउच 500 एमएल यानि कुल 5 लीटर देशी शराब पाए गए। बाद में उस युवक को पुलिस अभिरक्षा से कोर्ट में प्रस्तुत किया गया।
जेजेबी कोर्ट में उस किशोर ने खुद को एक सरकारी स्कूल की पांचवी कक्षा का छात्र बताया और अवैध शराब बिक्री का आरोप स्वीकार करते हुए कहा कि कुछ दिन पूर्व उसके पिता का पैर ताड़ के पेड़ से ताड़ी उतारने के क्रम में गिरने से टूट गया है। घर में खाने-पीने के लिए कुछ नहीं था। इसीलिए वह किसी के बहकावे में आकर इस अपराधिक कार्य कर रहा था और पकड़ा गया।
आरोपी छात्र ने जज मानवेन्द्र मिश्रा को बताया कि उसकी घर की दयनीय आर्थिक हालत को देख कर “एक अंकल” ने उससे कहा कि तुम इस समान को उस गांव से दुसरे गांव में पहुंचा दोगे तो 200 रुपया देंगे। पैसे की लालच और वर्तमान में खाने की मजबूरी से वह अवैध शराब बिक्री जैसे अपराध कर बैठा।
न्यायालय में आरोपी किशोर देखने से अधिकत 13 वर्ष की उम्र का प्रतीत हुआ। शारीरिक क्षमता के मद्देनजर देखने से यह नहीं लगा कि वह अपाची बाइक चला पाने में सक्षम है। इसलिए पुलिस को उस व्यक्ति के खिलाफ कड़ी जांच कार्रवाई करने के निर्देश दिया गया, जिसने आरोपी छात्र को अवैध शराब बिक्री के धंधे में संलिप्त किया है।
यहां बता दें कि जो कोई भी मादक शराब, स्वापक औषधि या मनःप्रभावी पदार्थ को बेचने, फेरी लगाने, ले जाने, प्रदाय करने या तस्करी करने के लिए किसी बालक का उपयोग करता है तो उसे सात वर्ष तक की कठोर कारावास और एक लाख रुपए तक के जुर्माना के कड़ा प्रावधान हैं।
इस दौरान न्यायालय में उपस्थित आरोपी छात्र और उसकी मां का अधिवक्ता प्रमोद कुमार शरण की उपस्थिति में किशोर न्याय परिषद की ओर से काउंसलिंग किया गया और इस तरह के बुरे कार्यों से दूर रहने की हिदायत भी दी गई।
तत्पश्चात किशोर न्याय परिषद ने आरोपी छात्र को रिहा करते हुए दीपनगर थानाध्यक्ष को इस लॉकडाउन में उसे सुरक्षित घर पहुंचाने एवं भुखमरी की समस्या को देखते हुए तत्काल अपने स्तर से राशन आदि मुहैया करवाने का निर्देश दिया।
इस बाबत दीपनगर थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि कोर्ट के निर्देशानुसार रिहा छात्र को उसके घर पहुंचा दिया गया है। उपलब्ध सहायता सामग्री भी उसके परिजन को सौंप दिया गया है। कोर्ट के जो भी निर्देश होंगे, उसका पालन किया जाएगा।