“एक तरफ पीएम मोदी ने कल मोतिहारी की सभा में स्वच्छाग्रह को संबोधित करते हुए बिहार में छह दिन के अंदर साढ़े आठ लाख शौचालय निर्माण कराने पर जमकर तारीफ की, वहीं एक दिन बाद बिहार के सीएम के गृह प्रखंड में कागजों पर ही 350 शौचालय का निर्माण के आरोप में तत्कालीन बीडीओ,सीओ समेत 85 लोगों पर केस दर्ज हो गया।”
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो )। पटना में शौचालय घोटाला के बाद सीएम के गृह जिला और गृह प्रखंड में कागज पर ही शौचालय बना देने के आरोप में प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर के निर्देश पर तत्कालीन बीडीओ, सीओ, संवेदक समेत 85 लोगों पर हरनौत थाना में केस दर्ज कराया गया है।
सभी पर आरोप है कि हरनौत के चौरिया पंचायत में कागज पर ही साढ़े तीन सौ शौचालय बना दिए गए और उसकी राशि हडप ली गईं।
तत्कालीन बीडीओ चंदन कुमार ने ही राशि जारी की थी। सनद रहे कि एक लाभुक को शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रूपए दिए जाते हैं।
नालंदा के हरनौत में लगभग साढ़े तीन सौ लोगों ने शौचालय रहते हुए शौचालय का लाभ ले लिया है। फर्जी लाभुको ने अपने शौचालय का फोटो लगाकर योजना की राशि हडप ली। कहीं-कहीं आधे-अधूरे शौचालय पर ही राशि निकाल ली गईं।
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक व्यक्ति सूर्यमणि सिंह ने आरटीआई के माध्यम से शौचालय निर्माण की जानकारी मांगी थी। हरनौत बीडीओ की जांच में फर्जी शौचालय निर्माण लूट का खुलासा हुआ।
बीडीओ की रिपोर्ट पर प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने दोषी लोगों पर केस दर्ज कराने का निर्देश बीडीओ को दिया था।
हरनौत में लगभग डेढ़ हजार शौचालय निर्माण का लक्ष्य रखा गया था। जांच में लगभग 56 लोग ऐसे थे, जिनके पास पहले से ही शौचालय बना हुआ था। लेकिन उन्होंने मिलीभगत कर योजना की राशि हडप ली।
कहते हैं कि तत्कालीन बीडीओ चंदन कुमार ने ही उक्त राशि निर्गत की थी। जिला प्रशासन की मानें तो यह मामला एक साल पुराना है। इस मामले में दस लोगों पर पहले ही सर्टिफिकेट केस हो चुका है।
फरवरी 2017 में चौरिया पंचायत में लाभुक द्वारा राशि लेने के बाद भी शौचालय निर्माण नहीं करने का मामला सामने आया था।
फिलहाल इस मामले में दोषी लोगों पर हरनौत थाना में एफआईआर तो हो गई है, लेकिन सजा और कार्रवाई कब तक होगी। यह सवाल हरनौत के लोगों के जेहन में है।
चूँकि नालंदा के हरनौत में ही सिर्फ शौचालय घोटाला का ही मामला नहीं है।बल्कि यह जिले के हिलसा, चंडी, करायपरसुराय समेत कई प्रखंडों की कहानी है। जरूरत है इन प्रखंडों में एक और सूर्यमणि सिंह की, जो ऐसे घोटाले का पर्दाफाश कर सकें।