“किसी भी चिड़ियाघर में बाघों का प्रजनन बहुत ही कठिनाई से होता है। मगर बिरसा जैविक उद्यान ओरमांझी का प्राकृतिक वातावरण बाघ के प्रजनन में काफी सहायक प्रतीत होता है…”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। झारखंड की राजधानी रांची प्रक्षेत्र अवस्थित ओरमांझी बिरसा जैविक उद्यान में 18 अप्रैल का दिन बड़ी खुशखबरी का दिन था।
यहाँ उद्यान की बाघिन अनुष्का ने तीन बच्चों (शावकों) को जन्म दिया। उसमें दो मादा एवं एक नर है। अब इस जू में बाघों की संख्या 7 हो गए हैं।
उद्यान में तीन नये महमान आने से उद्यान के कर्मचारियों में काफी उत्साह है। शनिवार को जन्मे तीनों बच्चे व बाघिन मां स्वस्थ हालत में हैं। अनुष्का अपने तीनों बच्चों को नियमित दूध पिला रही है।
वर्ष 2018 के अप्रैल माह में भी अनुष्का पहली बार मां बनी थी। उस समय भी अनुष्का ने तीन शावक को जन्म दिया था।
मादा अनुष्का और नर मलिक, जो इन तीन शावकों के माता-पिता हैं, उन्हें एक प्राणी प्रधान प्रधान योजना के तहत नेहरू जूलोजिकल पार्क हैदराबाद से फरवरी 2016 को ओरमांझी जू में लाया गया था। इस समय मलिक का उम्र 7 वर्ष तथा मादा अनुष्का कम 8 साल है।
ज्ञात हो कि बाघ का गर्भकाल 105+5 दिन यानि लगभग साढ़े तीन महीना होता है। औसतन एक बाघिन दो से तीन शावक को जन्म देती है।
जन्म के समय शावक का आंख बंद होता है। शावक का आँख 8-12 दिन यानि लगभग दो सप्ताह में खुलता है तथा सिर्फ मां का ही दूध पीता है।
एक माह बाद ही नए जन्में बाघों का नाम विधिवत रखा जाएगा और लॉक डाउन की समाप्ति के बाद सैलानी नए मेहमानों का दीदार कर पाएंगे।
उपरोक्त जानकारी जैविक उद्यान के प्रबंधक ने आज 21 अप्रैल को संवाददाताओं को एक प्रस विज्ञप्ति के जरिए दी है।