आस-पड़ोसदेशबोलती तस्वीरें

15 दिन बाद भी इस ‘प्रेमी युगल’ की जांच नहीं कर सका है प्रशासन

नालंदा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। विगत 14 दिसंबर,18 को  सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के दीपनगर थानान्तर्गत मघड़ा गांव में  एक कथित दहेज मुक्त विवाह की तस्वीरें शोसल मीडिया पर वायरल हुई थी।

उन तस्वीरों को देखने से साफ तौर स्पष्ट होता है कि विवाह बंधन में बंधी जोड़ी नाबालिग है। तब जिसकी शादी एक मंदिर में ग्रामीणों के सहयोग से कराने की बात कही गई।

वायरल सूचना में यह भी बताया गया था कि विगत 5 साल से दोनों प्रेमी युगल एक दूसरे के साथ प्रेम कर रहे थे और अंततः ग्रामीणों के सहयोग से वे एक दूजे के बंधन में बंध गए हैं।

प्रेमी युगल की पहचान हिलसा प्रखंड क्षेत्र के अलग-अलग समुदाय निवासी सोनम कुमारी एवं अंजनी कुमार के रूप में बताया गया और दोनों प्रेमी युगल की शादी बिहार शरीफ स्थित मघड़ा शीतला मंदिर में होने की तस्वीरें पेश की गई।

तब यह भी बताया गया कि दोनों प्रेमी युगल की शादी कराने में ग्रामीणों ने ही बराती और शराती की भूमिका भी निभाई एवं दोनों प्रेमी युगल को ग्रामीण अपने समक्ष सिंदूर दिला कर आशीर्वाद भी दिया।

तब उन तस्वीरों की आरंभिक पड़ताल में काफी गंभीर तत्थ उभरकर सामने आए। आश्वस्त सूत्रों के अनुसार युवक और युवती दोनों नाबालिग हैं और अगर वे पिछले पांच साल से एक दूसरे से प्रेम करते थे तो उनकी तब उम्र क्या रही होगी, आसानी से समझा जा सकता था।

इस बाबत बिहारशरीफ अनुमंडल पदाधिकारी जनार्दन सीग्रीवाल ने कहा था कि पूरे मामले की तत्काल जांच कराई जाएगी और यदि बाल विवाह हुए हैं तो निश्चित तौर पर इसमें शामिल और इसका महिमामंडन करने वाले सारे लोग कानून के दायरे में आएंगे। बिहारशरीफ बीडीओ को जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

 

लेकिन उस घटना के 15 दिन बाद भी इस मामले में प्रशासनिक जांच जारी है। अभी तक जांचकर्ता को यह भी पता नहीं चल सका है कि मघड़ा शीतला मंदिर में जिस प्रेमी युगल की ग्रामीणों ने शादी कराई थी, वे कहां के रहने वाले हैं। उनकी सही से पहचान तक नहीं हो पाई है।

इस बाबत आज 24 दिसंबर,18 को एक्सपर्ट मीडिया न्यूज को बताया कि बिहारशरीफ बीडीओ की जांच अभी नहीं आई है। प्रेमी युगल के हिलसा प्रखंड क्षेत्र निवासी होने के कारण वहां के बीडीओ से जांच कराई जा रही है। जांच के बाद ही मामला साफ हो पाएगा।

उधर हिलसा बीडीओ ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज को बताया कि दो दिन पहले ही यानि बीते शनिवार को जांच की सूचना मिली है। युवती जिस पंचायत की रहने वाली बताई जाती है, वहां के पंचायत सेवक को जांच कर शीघ्र रिपोर्ट देने को कहा गया है। उनके पास अभी जांच रिपोर्ट नहीं आई है।

बहरहाल, सवाल उठता है कि ‘बाल विवाह’ जैसे संवेदनशील मुद्दों पर इस तरह खिंचाउ जांच प्रक्रिया के क्या मायने हैं। एक पखबारा तक प्रशासन न तो प्रेमी युगल की शिनाख्त कर सकी है और न ही उसकी शादी में शरीक लोगों की?

 

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