“नालंदा जिला में कानून व्यवस्था और पुलिस प्रशासन का वर्तमान आलम ऐसा है कि नीचे से ऊपर तक अपनी डफली अपना राग अलापते हैं। इन्हें न्यायालय का आदेश-निर्देश की भी परवाह नहीं है। यहां के अधिकारी केवल असामाजिक तत्वों को संरक्षण दे कर विवादित भूमि पर कब्जा कराने में तल्लीन रहते हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं……”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के राजगीर अनुमंडल-अंचल-थाना-नगर क्षेत्र स्थित शिव स्थान कॉलोनी में आपसी विवादित जमीन मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि राजगीर के सीओ को प्रमोटेड होने के कारण या तो भूमि संबंधित कानून के बारे में जानकारी नहीं है या भू-माफिया दलाल असामाजिक तत्वों को संरक्षण दे कर विवादित जमीन पर कब्जा जमाने की चाल चलाने में वे माहिर हैं।
बीते 6 अक्टूबर को भूमि विवाद से संबंधित मामले के निपटारे को लेकर राजगीर थाना परिसर में थानाध्यक्ष एवं सीओ के जनता दरबार में एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ टीम के पास एक ऐसे सप्रमाण मामले उपलब्ध हुए हैं, जिससे स्पष्ट तौर पर प्रमाणित होता है कि राजगीर के सीओ असामाजिक तत्वों के साथ समर्थन में है।
राजगीर थाना क्षेत्र के शिव स्थान कॉलोनी स्थित तीन भाई स्वर्गीय प्रयाग सिंह के पुत्र श्याम सुंदर सिंह, महेंद्र सिंह, गौरी शंकर सिंह का खाता संख्या-175, खसरा संख्या-5229, कुल अराजी रकबा-70 डिसमिल के आपसी बंटवारे का विवाद न्यायालय में लंबित है। जिस पर श्याम सुंदर सिंह के पुत्रों का दखल कब्जा वर्षों से चला आ रहा है।
लेकिन गौरी सिंह के पुत्र इंद्रदेव सिंह ने बंटवारे को लेकर बिहार शरीफ न्यायालय में मुकदमा दर्ज किया, जिसका टाइटल सूट संख्या TS.NO 13/2001 है। जिसमें 14 सितंबर 2001 से अंतरिम आदेश के तहत ही बंटवारा मुकदमा में शामिल किसी भी जायदाद को न्यायालय के फैसले तक बिक्री करना तथा किसी प्रकार का कर्ज लेना और किसी तरह का निर्माण कार्य करने पर रोक लगा हुआ है।
लेकिन इंद्रदेव सिंह एवं महेंद्र सिंह के अलावे असामाजिक तत्व तथा भू माफियाओं राजगीर शिव अस्थान कॉलोनी निवासी पारस यादव का पुत्र प्रशांत कुमार उर्फ बबलू, कड़ाह डीह निवासी राम प्रवेश कुमार, स्वर्गीय बैजू यादव का पुत्र विद्यानंद यादव जैसे दबंग छवि के लोग सीओ की मदद से जबरन उस जमीन की घेराबंदी का प्रयास किया जा रहा है। जिससे किसी समय अप्रिय घटना घट सकती है।
जब इसकी सूचना भूस्वामी अनिल सिंह एवं सत्यन सिंह ने 29 सितंबर के जनता दरबार में राजगीर सीओ को दिया, तब सीओ ने 6 अक्टूबर तक समय दिया। और जब 6 अक्टूबर को पुनः जनता दरबार में अनिल सिंह ने सीओ को न्यायालय के आदेश निर्देश से अवगत कराया तो सीओ के समक्ष थाना परिसर में ही बैठकर असामाजिक तत्व भू माफियाओं द्वारा अनिल सिंह के साथ दुर्व्यवहार किया गया।
इस दौरान सीओ तथा राजगीर थानाध्यक्ष मूकदर्शक बने रहे। यही नहीं, सीओ ने जनता दरबार में ही आवेदक को स्पष्ट तौर पर कह दिया कि वे न्यायालय के आदेश निर्देश को नहीं मानते हैं।
सवाल उठता है कि एक तरफ सुशासन की सरकार सीओ और थानाध्यक्ष को जमीनी विवाद के मामले को निपटाने का आदेश पारित करती है, ताकि किसी तरह का अप्रिय घटना न घट सके।
वहीं दूसरी तरफ उनके गृह जिले में अदद सीओ की ऐसी मानसिकता कि असामाजिक तत्व के हित में इन्हें न्यायालय का आदेश निर्देश रद्दी कागज बुझाता है? और विवादित जमीन को यूं अवैध कब्जा कर बाउंड्री निर्माण के लिए छोड़ दिया जाता है और फरियाद कर्ता को दुत्कार कर भगा दिया जाता है।
हालांकि एक्सपर्ट मीडिया न्यूज द्वारा इस संबंध में पूछे जाने पर राजगीर सीओ मृत्युंजय कुमार ने सारे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुये कहा कि कोर्ट के आदेश को कौन नहीं मानेगा। दोनो पक्षों को कोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा गया है। और हर हाल में कराया जायेगा।