एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग को लेकर भारतीय मजदूर संघ का प्रतिनिधि मंडल सरकार को एक ज्ञापन सौंपेगी। यह निर्णय संघ के 24 वें प्रांतीय अधिवेशन में सर्वसम्मति से लिया गया।
नालंदा जिले के पर्यटन नगरी राजगीर के अंतर्राष्ट्रीय समागम केन्द्र में भारतीय मजदूर संघ के प्रांतीय अधिवेशन के समापन समारोह में राष्ट्रीय मंत्री बी सुंदरम ने कहा कि बिहार आंदोलन की जन्मभूमि रही है। यहां एक बार फिर संघर्ष की जरुरत है, क्योंकि सरकार को जगाने के लिये आंदोलन जरुरी है।
उन्होंने कहा कि श्रमिकों की मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन चलाने की जरुरत है। ताकि सरकार को मजदूरों की ताकत का अहसास कराया जा सके। आंदोलन से श्रमिक संघठनों को नहीं घबराना चाहिये। उन्होंने पंचायत स्तर तक बीएमएस को पहुंचाने का आह्वान किया।
इसके पूर्व भारतीय मजदूर संध की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ महामंत्री इन्दु झा ने कहा कि संघ के लिये राष्ट्रहित सर्वोपरि है।
भारतीय मजदूर संघ के मीडिया प्रभारी मुकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रांतीय अधिवेशन के अंतिम दिन कई प्रस्ताव पारित किये गये, जिनमें सरकारी विभागों में सृजित पदों में कटौती करने की बजाय रिक्त पदों पर बहाली करने, बालू-ईंट नीति पर पुनर्विचार करने, सरकारी कर्मियों के संगठनों को ट्रेड यूनियन एक्ट के तहत सुविधाएं देने, बंद पपड़े कल-कारखानों एवं उद्योगों को चालू करने, बीड़ी उद्योग में ठेका प्रथा समाप्त करने, आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को सरकारी कर्मचारी घोषित करने, यूनियन के पदाधिकारियों के स्थानान्तरण पर रोक लगाने, केरल, कर्नाटक, राजस्थान के तरज पर आशा कार्यकर्ताओं को मानधन के अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने, बिहार से मजदूरों का पलायन रोकने, टीईटी शिश्रकों को सरकारी कर्मी का दर्जा देते हुये सहायक शिक्षक के पद पर करने आदि के प्रस्ताव पारित किये गये।
इस समापन समारोह की अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघ के प्रंतीय अध्यक्ष प्रो. सियाराम शर्मा ने की। जबकि संचालन महामंत्री उमा प्रसाद वाजपेयी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संघ के साजन कुमार मिश्रा ने की।