रांची। झारखंड सरकार ने पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को नामकुम और बुढ़मू में दी गई 77 एकड़ जमीन वापस लेने की तैयारी में है। ट्रस्ट को 2006 में बुढ़मू के दामी मौजा में सेंटर फॉर रिसर्च एंड कल्टीवेशन ऑफ मेडिसिन एंड एरोमेटिक प्लांट के लिए 62.26 एकड़ और नामकुम अंचल में के बरगावां मौजा में आयुर्वेदिक कॉलेज खोलने के लिए 15 एकड़ जमीन दी थी।
तत्कालीन डीसी डॉ. प्रदीप कुमार ने सरकार के निर्देश पर 101 रुपए के टोकन मनी पर ट्रस्ट को यह जमीन सौंपी थी। लेकिन 11 साल बाद भी इस जमीन का उपयोग नहीं किया गया।
अब रांची डीसी मनोज कुमार ने चार सितंबर को राजस्व, निबंधन और भूमि सुधार सचिव को पत्र भेजकर बरगावां की 15 एकड़ जमीन वापस लेने के लिए चिट्ठी लिखी है। वहीं दामी की जमीन मामले में ट्रस्ट को नोटिस भेजा है।
डीसी ने कहा कि 2001 के बाद जितने संस्थानों को जमीन दी गई है, उसकी समीक्षा की जा रही है। सभी अंचल अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।
डीसी ने सरकार को भेजे पत्र में कहा है कि जमीन देने की मंजूरी राज्य कैबिनेट की अनुमति मिलने के बाद दी गई थी। दोनों जमीन 30 साल के लिए लीज पर दी गई थी।
एग्रीमेंट के शर्त थी कि जिस प्रयोजन के लिए जमीन हस्तांतरण की जा रही है, उस प्रयोजन के लिए उसकी आवश्यकता नहीं रहने या उपयोग नहीं नहीं किए जाने पर उक्त भूमि स्वतः सरकार को वापस हो जाएगी। लेकिन इस जमीन का उपयोग नहीं किया जा रहा है, जो एग्रीमेंट की शर्तों का उल्लंघन है।
बुढ़मू के दामी मौजा की 62.26 एकड़ जमीन के मामले में ट्रस्ट के सचिव के नाम से 29 जुलाई 2017 को जमीन वापस लिए जाने से संबंधित दो नोटिस भेजा गया था। ट्रस्ट के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण का जवाब 18 अगस्त को सरकार को मिला।
27 अगस्त को सीएम से मिले थे बाबा रामदेव
जमीन देने की स्वीकृति के बाद राज्य सरकार के उप सचिव वीके सिन्हा ने महालेखाकार झारखंड को 24 मार्च, 2006 को पत्र लिखा था। कहा था कि ट्रस्ट को इस शर्त के साथ स्वीकृति दी जाती है कि जिस प्रयोजन के लिए भूमि स्थानांतरित की जा रही है, उस प्रयोजन के लिए उसकी जरूरत नहीं रहने पर या उस प्रयोजन के लिए उसका उपयोग नहीं किए जाने पर यह भूमि स्वतः राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को वापस हो जाएगी। 27 अगस्त को बाबा रामदेव जमीन बचाने के लिए रांची आए थे और जमीन बचाने के लिये सीएम रघुवर दास से भेंट की थी।
आचार्य बालकृष्ण ने जमीन पर अतिक्रमण बताया
नोटिस के जवाब में आचार्य बालकृष्ण ने 10 अगस्त को पत्र लिखा। इसमें कहा है कि जो जमीन ट्रस्ट को दी गई, वह प्लांट के लिए उपलब्ध नहीं थी। उस पर लोगों का कब्जा था। ट्रस्ट पूरी तैयारी कर चुकी है।
अगर सरकार यह जमीन ट्रस्ट को उपलब्ध करा दे तो काम शुरू हो सकेगा। इसलिए प्रशासन इस बिंदु पर पुनर्विचार करे।
बरगावां की जमीन गेल इंडिया को देने की तैयारी
डीसीने कहा कि पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने 11 साल तक जमीन का उपयोग नहीं किया। इसलिए नोटिस दिया था। एक मामले में जवाब आया है।
मुख्यमंत्री के सचिव के आदेशानुसार बरगावां में 15 एकड़ जमीन को आर्ट ऑफ लिविंग और गेल इंडिया को हस्तांतरित करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। अपर समाहर्ता (राजस्व) ने नामकुम और बुढ़मू की जमीन का निरीक्षण कर वस्तुस्थिति देखी है। नामकुम में तो कहीं भी अतिक्रमण नहीं है। बुढ़मू में बड़ा प्लॉट है। इसलिए कुछ पर अतिक्रमण हो सकता है।
27 अगस्त को रामदेव बाबा रांची आए थे। लेकिन, इस संबंध में सरकार की ओर से कोई निर्देश नहीं मिला है। सरकार से मार्गदर्शन मांगा है।