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    Tuesday, April 23, 2024
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      8 माह से बेड़ियों में यूं जकड़ी है दिव्यांग युवती

      वेशक यह पीड़ा सरकार की लापरवाही और उदासीनता ही मानी जाएगी कि झारखंड की राजधानी में देश के जाने-माने मानसिक आरोग्य संस्थान एवं अस्पताल, कांके होने के बावजूद यहां के लोग उसका लाभ उठाने से वंचित हैं। क्योंकि उन तक यहां का रास्ता तक दिखाने में विफल साबित है……” 

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क।  झारखंड के गुमला जिले के सुदूरवर्ती जारी प्रखंड के पांची गांव में एक 26 साल की युवती को पिछले आठ महीने से घरवालों ने बेड़ियों में जकड़कर रखा है।

      पीड़िता की तीन बहनें व दो भाई हैं। एक बहन जन्म से ही गूंगी है। घरवाले उसका इलाज अपने हिसाब से कराते हैं, लेकिन वह ठीक नहीं हो पा रही है।gulam bitiya 1

      पिता के अनुसार, उनकी बेटी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। पैसे के अभाव में वह उसका समुचित इलाज नही करा पा रहे। बेटी कहीं भटक कर दूर न चली जाए, इसी डर से उसके दोनों पैरों को जंजीर से बांधकर रखना पड़ता है।

      युवती गांव के ही जगदीश तिर्की नामक युवक के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहती थी। इस संबंध से उसकी एक सात माह की बच्ची भी है।

      युवती की जब मानसिक स्थिति बिगड़ी तो जगदीश ने उसका साथ नहीं दिया। वह उसे छोड़कर गोवा चला गया जबकि बच्ची अपने दादा के घर में पल रही है।

      पीड़िता के घर वाले जैसे-तैसे उसका देहाती तरीके से इलाज करा रहे हैं लेकिन, उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है।

      पिता ने बताया कि  वे लोग किसी तरह खेतीबाड़ी कर जीवन यापन करते हैं। गरीबी के कारण ही मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटी का इलाज नहीं करा पा रहे हैं। अगर पैसा रहता तो उसे किसी बढ़िया अस्पताल में दिखाते। अब उनकी भी तबीयत ठीक नही रहती है। सरकार से कुछ मदद मिल जाती बेटी का उद्धार हो जाता।

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