“ किसानों के उत्थान को लेकर केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक कई योजना चला रही है, पर इसका भरपूर लाभ किसानों को नही मिल रहा है। खेती करने के लिए किसानों को आधुनिक प्रणाली बताने से लेकर किसानों को हर तरह की खेती करने की बेहतर जनकारी, मौसम की जनकारी, खाद-बीज की जनकारी आदि बिषयों पर किसानों को बेहतर जनकारी देने के लिए बनाए जाने वाले किसान भवन एक दशक बीत जाने के बाद भी अबतक नही बन पा रहा है।“
नगरनौसा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। कुछ ऐसा ही मामला बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के नगरनौसा प्रखंड के काछियावां पंचायत-गांव में पिछले दस बर्षों से बन रहा किसान भवन का निर्माण आज तक पूरा नहीं कराया जा सका है। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है प्रखंड कार्यालय के बाबूओं की लापरवाही का आलम क्या है।
किसान भूषण प्रसाद उर्फ़ नीतीश कुमार, मनोज कुमार, मुन्ना प्रसाद, ओकील प्रसाद, गणेश बिंद, पिंटू कुमार, बिक्की कुमार सहित दर्जनों लोग प्रखंड कार्यालय के अफसरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताते हैं कि बर्ष 2008 में लगभग 4 लाख की लागत से प्रखंड कार्यालय द्वारा प्रखंड क्षेत्र के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाका व काछियावां पंचायत के काछियावां गांव में पंचायत के किसानों को खेती से सम्बंधित जनकारी के लिए किसान भवन का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया।
किसान भवन का निर्माण प्रखंड कार्यालय द्वारा पंचायत के पंचायत सचिव के माध्यम से कराया जाने लगा। लेकिन 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक पूर्ण रूप से किसान भवन का निर्माण नही कराया जा सका। जिससे आज यह आधा-अधूरा बना किसान भवन लोगो का गौशाला बन कर रह गया।
आधा-अधूरा बना किसान भवन को पूर्ण कराने को लेकर कई बार प्रखंड कार्यालय, अनुमंडल कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया गया। जिला पदाधिकारी तक लिखा गया लेकिन किसी भी पदाधिकारी ने आधा-अधूरा बना किसान भवन को पूर्ण कराने में कोई पहल नही किया। आधा-अधूरा बना किसान भवन के पूर्ण होने का कोई पहल न होते देख अंततः मायूस होकर सभी किसान थक-हार बैठ गए।
नगरनौसा प्रखंड विकास पदाधिकारी अरविंद कुमार सिंह यह कह कर पल्ला झाड़ रहे हैं कि किसान भवन कृषि विभाग द्वारा बनाया जाता है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी ही दे सकतें हैं।
वहीं प्रखंड कृषि पदाधिकारी शूलपानी शुक्ला बताते हैं कि कृषि विभाग द्वारा कोई भी किसान भवन का निर्माण नही कराया जा रहा हैं।