पटना (संवाददाता)। बीएसएससी पेपर लीक मामले में बिहार कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष और सीनियर आईएएस सुधीर कुमार की गिरफ्तारी को लेकर आंदोलित आईएएस एसोसिएशन और पटना पुलिस के बीच टकराव बढ़ने के आसार नजर आने लगे हैं। इस मामले में सचिव परमेश्वर राम समेत 33 अन्य लोग भी गिरफ्तार किए गए है।
आईएएस लॉबी की नाराजगी के बीच पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक व एसआईटी चीफ मनु महाराज ने कहा है कि पूरे मामले में आयोग के अध्यक्ष सुधीर कुमार निश्चित रूप से शामिल है।
उन्होंने एक अंग्रेजी दैनिक के साथ बातचीत में दावा किया है कि प्रारंभिक पूछतांछ में सुधीर कुमार ने प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट की प्रिंटिंग से संबद्धित लोगों के नाम नहीं बताएं। पेपर लीक के मामले में हमने उनसे हर जरुरी सवाल पूछे लेकिन, उन्होंने किसी भी सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया। वैसे भी आयोग का अध्यक्ष होने के नाते हर गोपनीय काम के प्रति उनकी ही जवाबदेही बनती है और उनकी अनुमति के बिना कोई महत्वपूर्ण फैसला नहीं लिया जा सकता है। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि उनके पांच नजदीकी रिश्तेदार परीक्षा में शामिल हैं।
एक सवाल के जबाव में मनु महाराज ने बताया कि मेरे सामने यह सबसे चुनौतीपूर्ण मामलों में से एक था। यह कई संबंधों के साथ एक ऐसा उलझा मामला था, जिसके फैले तारों को जोड़ना एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया। कई लोगों से पूछताछ समस्या थी। क्योंकि इसमें कई हाई प्रोफाइल लोग शामिल हैं।
SSP मनु महाराज ने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ के दौरान हमने उनसे कई सवाल पूछे, लेकिन वे सीधे जवाब नहीं दे रहे थे। इससे संकेत मिलता है कि वे कुछ छिपाने की कोशिश कर रहे थे। फलस्वरूप विशेष जांच दल (एसआईटी) को और अधिक मशक्कत करनी पड़ी। कॉल डेटा रिकॉर्ड (सीडीआर) का विश्लेषण से भी हमें सुराग मिलेगा, जिससे कुछ ठोस निष्कर्ष तक पहुंच सकते हैं। इस मामले में आगे बढ़ने के लिए हमारे पास दोनों वृत्तचित्र और इलेक्ट्रॉनिक सबूत हैं।
यह पूछे जाने पर कि इस मामले में सुधीर कुमार शामिल है, यह कैसे पता चला? SSP ने बताया कि वे निश्चित रूप से इस मामले में शामिल है। उन्होंने प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट मुद्रण में शामिल लोगों के नाम का खुलासा नहीं किया। हम उनसे लीक प्रश्नपत्र से संबंधित सवाल पूछे लेकिन, कोई सीधा जवाब नहीं मिला। BPSC अध्यक्ष होने के नाते परीक्षा से संबंधित सभी गोपनीय कार्य और महत्वपूर्ण निर्णय उनकी जानकारी के बगैर नहीं हो सकता था। उनकी भूमिका इसमें काफी महत्वपूर्ण थी। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान यह पता चला कि उनके पांच करीबी रिश्तेदार परीक्षा में शामिल थे।
यह पूछे जाने पर कि अब जब आपने सबूत मिलने का दावा किया तो कब तक यह जांच पूरी हो जाएगी? इस पर एसआइटी चीफ ने कहा कि इसके तार राज्य की सीमाओं से बाहर तक गए है। उन्होंने अब तक कई स्थानों पर छापे मारे, जिसमें 20 के आसपास बाहर मारे। इस कांड के तार गुजरात, कोलकाता, दिल्ली और झारखंड तक है। जाहिर है इसमे कुछ समय तो लगेगा ही।
बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं में फिक्सिंग की बीमारी फैल गई है, इससे कैसे निपटेंगे? इसके जबाव में SSP मनु महाराज ने कहा कि इसकी जड़े बहुत गहरी है। पिछले साल भी इंटर परीक्षा के दौरान ऐसा ही कांड हुआ था। जब भी हमें इस तरह के मामले में लगाया जाता है तो पूरी कोशिश रहती है कि हम दोषियों को पकड़े। तभी तो ऐसे मामलों में 34 गिरफ्तारियां कर चुके हैं। उन्होंने जांच में इस तरह के परीक्षा रैकेट में कुछ कोचिंग संस्थानों की भूमिका की ओर भी इशारा किया है और बताया कि पटना में उनमें से 10 के आसपास हमारे रडार पर हैं।