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    Saturday, November 23, 2024
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      हरनौत में निजी क्लिनिक संचालकों की बढ़ी मनमानी, थाने में शिकायत

      ” डॉक्टरों के यहाँ कम्पाउंडरी करते करते खुद कम्पाउंडर भी डॉक्टर बन जाते हैं। बाद में ये खुद का दो चार कमरे का अस्पताल खोल बैठ जाते हैं। लोग दवा देना तो दूर ऑपरेशन भी करने लगते हैं। यहां पैसे की लालच में ऑपरेशन नहीं होने की स्थिति में भी ऑपरेशन कर दी जाती है। “

      CLINIC CRIMEहरनौत,नालंदा ( संवाददाता)। नालंदा जिले के हरनौत बाजार में इन दिनों कुकुरमुत्ते की तरह नर्सिंग होम व प्राइवेट अस्पताल खुल गया है।जहाँ सुविधा के नाम पर गांव के भोली भाली जनता को धोखा देकर मोटी रकम वसूल किया जाता है। डॉक्टरों के यहाँ कम्पाउंडरी करते करते खुद कम्पाउंडर भी डॉक्टर बन जाते हैं।

      बाद में ये खुद का दो चार कमरे का अस्पताल खोल बैठ जाते हैं। लोग दवा देना तो दूर ऑपरेशन भी करने लगते हैं। जिससे गांव की भोली जनता को आये दिन कोई न कोई परेशानी से जूझना पड़ता है। ऑपरेशन नहीं होने की स्थिति में भी ऑपरेशन कर दी जाती है।

      ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। गोखुलपुर ओपी क्षेत्र के शाहपुर निवासी आनंदी यादव ने बताया कि उनकी पतोह अंतु देवी को पेट में दर्द के शिकायत पर गोनावाँ रोड स्थित कृष्णा सिटी अस्पताल में पिछले बाइस मई को भर्ती कराया गया था। जहाँ अस्पताल के संचालक बबलू कुमार के द्वारा इलाज कर हर्निया होने की बात कही गई। जिसका ऑपरेशन भी उसी अस्पताल में अस्पताल संचालक बबलू  के द्वारा किया गया। इलाज के बाद मरीज अपने परिजनों के साथ घर चला गया।

      करीब डेढ़ महीने बाद पुनः मरीज के द्वारा पेट में दर्द होने की शिकायत की गई। बिहार शरीफ में चिकित्सकों के द्वारा इलाज करने के दौरान पुनः हर्निया होने की बात कही गई। जिससे मरीज व उसके परिजनों ने इस घटना की शिकायत नर्सिंग होम के संचालक बबलू से किया।

      शिकायत सुन बबलू ने मरीज के परिजनों से बात करना तो दुर ,उन्ही के साथ मारपीट करने पर उतारू हो गया। साथ ही देख लेने की बात कह डाली। वहाँ मरीज व उनके परिजनों को गाली गलौज भी किया गया। तंग आकर मरीज के परिजनों के द्वारा स्थानीय थाना में संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिये आवेदन दी गई है।

      इस मामले में सिविल सर्जन ने कहा कि शिकायतकर्ता के द्वारा लिखित आवेदन दिए जाने पर मामले की जांच कर कानूनी कार्यवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आवेदक चाहे तो उपभोक्ता फोरम में भी आवेदन दे सकता है,जिस पर उक्त आरोपित को सम्मन भेजा जाएगा।

      सिर्फ यह हरनौत में ही नही बल्कि चंडी के माधोपुर में भी एक कम्पाउडंर के द्वारा क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है। यह राष्ट्रीय राज्य मार्ग संख्या 30ए पर स्थित है। यहाँ से सिविल सर्जन तथा स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी आते जाते रहते है,  लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई नही की जाती है। जब कोई घटना घट जाती है, तब जाकर पदाधिकारियों की तंद्रा भंग होती है। आखिर कब तक नीम हकीमों के हाथों ग्रामीण जनता लूटने को विवश होती रहेगी।

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