पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज )। बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र आरंभ होने के पहले शोर शराबे और हंगामें की आशंका के बीच शुक्रवार को शुरू हुआ ।सत्र का पहला दिन विधानसभा की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गया।
पहला दिन ही बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाओं तथा बलात्कार की घटना को लेकर काफी हंगामा और शोर शराबा हुआ। हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही के पहले दिन दिवंगत नेताओं और साहित्यकारों को श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में स्पीकर विजय कुमार चौधरी को बुके देकर स्वागत किया। स्पीकर ने सदन में शांतिपूर्ण कार्यवाही की अपील की और सदन के संचालन के लिए चार सदस्यों को अध्यासीन मनोनित किया।
सत्र की शुरुआत होने से पहले ही कांग्रेस और माले के सदस्य अपने हाथों में तख्तियां लिए हुए पोर्टिको के बाहर आ गए तथा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
पिछले दिनों बिहार के मुजफ्फरपुर तथा छपरा में बालिकाओं के साथ हुए घटना को लेकर सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया तथा बालिका गृह की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने तथा घटना में संलिप्त दोषियों को कठोर सजा देने की मांग कर रहे थे।
सदन में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर हमला बोलते हुए महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाया और कहा कि पूरे राज्य में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।
मुजफ्फरपुर की घटना को लेकर आरजेडी ने सरकार को घेरने की पहले ही तैयारी की थी। इसलिए तेजस्वी ने तुरंत सरकार पर हमला बोला।
तेजस्वी ने कहा कि राज्य में आपाराधिक घटनाएँ चरम पर है पर सरकार का ध्यान कहीं और है।
विपक्ष के सवालों का सवालों का जवाब देने का जिम्मा बीजेपी विधायक दल के उपमुख्य सचेतक अरुण कुमार सिन्हा ने उठाया। उन्होंने कहा कि हाल में कुछ घटनाएं हुई हैं। लेकिन हर घटना पर पूरी कार्रवाई हुई है। सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने में हमेशा सक्षम रही है।
सरकार के जबाब से असंतुष्ट विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ते देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दिया गया।
इधर माले विधायक ने कहा कि जब तक सरकार की ओर से मुजफ्फरपुर तथा छपरा की घटना पर कार्रवाई नहीं होती है, उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
फिलहाल सोमवार से बिहार विधानसभा की कार्यवाही में हंगामे के आसार बढ़ने की संभावना दिख रही है।