गिरियक (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा जिले के अन्तर्राष्ट्रीय तीर्थ स्थल पावापुरी स्थित वर्द्धमान मेडिकल कॉलेज एवंं अस्पताल में बिजली नहीं रहने के कारण एसी बन्द थी, जिससे इस भीषण गर्मी में न केवल मरीजों परेशान रहे, बल्कि अस्पताल में मरीजों का इलाज कर रहे चर्म रोग के डॉ बीरेंद्र कुमार बेहोश होकर गिर गए। इससे मरीज एवं कर्मचारियों में अफरा तफरी का माहौल हो गया। कर्मचारियों ने यह हालत देखकर डॉक्टर के चेहरे पर पानी का छींटे मारे, तब जाकर बेहोशी से वे बाहर आये।
सरकार ने यहा एसी अस्पताल तो बना दिया, लेकिन व्यवस्था के नाम पर काफी कमी है। जब यहां एसी कैम्पस आउट डोर में यह हाल है तो आगे सोचने वाली बात है कि रोगियों को कितनी सुविधा मुहैया हो सकेगा।
चर्म रोग के विशेषज्ञ डॉ बीरेंद्र कुमार पावापुरी विम्स अस्पताल में आउट डोर में मरीज को देख रहे थे। मरीजों की लम्बी कतार लगी थी। ऊपर से बिजली भी घंटो से गायब थी। अस्पताल पूर्ण एसी है। अस्पताल में जेनेरेटर की व्यवस्था भी है, लेकिन बिजली जाने के बाद जेनेरेटर चालू नहीं हुआ।
इधर बिजली आपूर्ति नहीं रहने से एसी बन्द होने और मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण उमस भरी गर्मी और हो गयी। नतीजा डॉक्टर बीरेंद्र कुमार ही बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े। इलाज कराने आये मरीज कुछ समझ पाते इसी दैरान कर्मचारी ने दौड़कर पानी लाया और चेहरे पर पानी डाला तब कुछ देर बाद उन्हें होश आया।
इस घटना के संबंध में जब डॉक्टर बीरेंद्र कुमार से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि मंगलवार और बुधवार को चर्म रोग का इलाज कराने के लिए मरीज अन्य दिनों की अपेक्षा काफी संख्या में आते हैं। अकेले ही इतने मरीजों को देखना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि आज बुधवार के दिन करीब 350 सौ मरीज का रजिस्ट्रेशन किया गया था। घटना के समय 200 से अधिक मरीजों को देख चुके थे। इसके बाद भी मरीजों की लंबी कतार लगी थी।
उन्होंने बताया कि मंगलवार के दिन मरीजों की संख्या और ज्यादा होता है। आज इलाज के समय बिजली घण्टों से कटी थी। विभाग कोई खोज खबर नहीं लेती है कि बिजली है या नहीं। यहां चिकित्सकों और मरीजों को क्या परेशानी हो रही है। बिजली गुल होने के बाद जेनेरेटर भी नहीं चल रहा था इसलिए एसी नहीं चल रहा था। गर्मी का मौसम है। एसी नहीं चलने से मरीज एवं कर्मचारी भी गर्मी से व्याकुल हो रहे थे।
उन्होंने बताया कि इतना बड़ा अस्पताल बना दिया गया है लेकिन व्यावस्था ठीक नहीं है । बिजली भी घंटों ग़ायब रहती है। असलताल में जेनेरेटर भी है लेकिन अस्पताल व्यवस्थापक द्वारा मरीजों और चिकित्सकों की परेशानियों का नजर अंदाज करती है जिसका यह नतीजा है। यहां एसी तो है लेकिन लाइन चले जाने के बाद विभाग द्वारा जेनेरेटर नहीं चलने से लोग गर्मी से और व्याकुल हो जाते हैं।
इस संबंध में जब अस्पताल अधीक्षक डॉ ज्ञान भूषण से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि चर्म रोग के डॉक्टर के साथ हुई घटना की जानकारी मुझे नहीं है। एसी बन्द होने और बिजली नहीं रहने के बारे में उन्होंने बताया कि बिजली आपूर्ति घण्टों से बंद है, लेकिन बिजली विभाग द्वारा बिजली आपूर्ति बन्द होने की कोई सूचना नहीं है। अस्पताल में जेनेरेटर है, लेकिन तेल नहीं रहने के कारण जेनेरेटर चालू नहीं किया गया।