” सिलाव में फुटपाथ दुकानदारों के लिए वेंडिंग जोन का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए स्थल चयन की कार्रवाई चल रही है। सड़कों पर से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शीघ्र प्रारंभ की जाएगी । यहां अतिक्रमण हटाया जाता है तो 2 दिन तक ठीक-ठाक रहता है। तीसरे दिन से फिर अतिक्रमण हो जाता है। इस बार इसे शक्ति से लागू किया जाएगा। दोबारा कोई अतिक्रमण न करें इसके लिए कठोर कार्रवाई की जाएगी।” ……उपेंद्र कुमार सिन्हा, कार्यपालक पदाधिकारी, सिलाव नगर पंचायत, नालंदा
नालंदा (राम विलास)। सिलाव बाजार की सभी सड़कें तंग हैं। इन तंग सड़कों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। कहीं फल वाले तो, कहीं सब्जी वाले अतिक्रमण कर अपना व्यवसाय चला रहे हैं। टेंपो कारोबारी भी सड़क पर ही टेंपो लगा कर कारोबार करते हैं । फलस्वरूप वाहनों की यातायात की बात तो दूर, राहगीरों का आना-जाना भी वमुश्किल होता है।
दो पहिया वाहन काफी जद्दोजहद के बाद आहिस्ते-आहिस्ते किसी तरह पार होता है। यहां अतिक्रमण के हालात ऐसे हैं कि पैदल यात्रियों को आने-जाने में परेशानी होती है।
इसी प्रकार पटेल चौक से गोला रोड जाने वाली सड़क पर टेंपो स्टैंड है। यहां पर सड़क पर ही टेंपो एवं अन्य गाड़ियों को लगाकर पैसेंजर चढ़ाये व उतारे जाते हैं, जिसके कारण हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है ।
तीसरी सड़क सिलाव डीह से सिलाव तीन मोहानी तक आती है। तीन मोहनी की हालत सबसे बदतर है। यहां बीच सड़क पर ही ठेला लगाई जाती है। सड़क के दोनों किनारे फुटपाथ दुकानदार अपना व्यवसाय करते हैं। यहां से गुजरना बहुत मुश्किल होता है।
सिलाव की सड़कें पहले से पतली है। ऊपर से अतिक्रमण। ऐसी हालत में कोई अप्रिय वारदात होने पर पुलिस या प्रशासन की गाड़ी मौके पर आसानी से नहीं पहुंच सकती हैं । इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन बेखबर है।
जरूरत है सड़क को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए। सिलाव टेलीफोन एक्सचेंज के सामने सरकार की परती जमीन है। वहां सब्जी हॉट बनाकर इस व्यवसाय से जुडे कारोबारियों को व्यवस्थित किया जा सकता है। तब कहीं जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा।
इसी प्रकार गोला रोड से हटाकर कहीं टेंपो स्टेंड बनाया जाए, तो जाम से मुक्ति मिल सकती है। और टैंपो व्यवसाइयों के कारोबार में कोई कमी भी नहीं होगी ।
हालांकि नगर पंचायत ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आगमन के मौके पर सिलाव बाईपास में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की थी। खाजा दुकानदारों के ऊपर प्रशासन के डंडे चले थे।
तब पता चला था की एक-एक दुकानदार 5 से 10 फीट तक अतिक्रमण कर व्यवसाय चला रहे हैं। जरूरत है इसी प्रकार बाजार की सड़कों पर से भी अतिक्रमण हटाने की मुहिम चलाने की।