” धरती के भगवान की यह हालत बिहार की बेरोजगारों की दुर्दशा को दर्शाता है। हालांकि दूर दराज से आये एक हजार डाक्टरों में से मात्र 59 के ही चेहरे पर मुस्कान आएगी, बाकी लोग निराश हो कर अपने अपने घरों को वापस लौट जायेंगे”
बिहारशरीफ (संवाददाता)। बिहार में बेरोजगारी की बढ़ती समस्या का नमूना उस समय देखने को मिला, जब धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों को अपनी नौकरी के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल में घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ा।
दरअसल नालंदा में गिरती स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा बैचलर ऑफ डेंटल के लिए 18 पद MBBS और स्पेशलिस्ट के लिए 41 पदों के लिए वेकेंसी निकाली गई थी।
निकाली गई वैकेंसी के आधार पर बिहार-झारखण्ड के एक हजार से अधिक महिला पुरुष चिकित्सक बिहार शरीफ पहुंचे, जहाँ उनके कागजात की जांच की गई जाँच की प्रक्रिया पूरी होने के वरीयता के आधार पर इन डाक्टरों की पोस्टिंग की जाएगी।
इस मौके पर नालंदा के सिविल सर्जन डॉक्टर सुबोध प्रसाद सिंह एडीएम मो खब्बीर और अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर शैलेंद्र कुमार के अलावा जिला स्वास्थ्य समिति के कई अधिकारी मौजूद थे।
प्रातः 7:00 बजे से डॉक्टरों का हुजूम उमड़ा, जो देर शाम तक जारी रहा। इन डॉक्टरों के बेरोजगारी को देख कर ऐसा लग रहा था कि जब उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले लोग अपनी नौकरी के लिए घंटों लाइन में खड़े हैं तो आम लोगों की बात तो दूर है।
डॉक्टरों की यह हालत बिहार की बेरोजगारों की दुर्दशा को दर्शाता है। हालांकि दूर दराज से आये एक हजार डाक्टरों में से मात्र 59 के ही चेहरे पर मुस्कान आएगी, बाकी लोग निराश हो कर अपने अपने घरों को वापस लौट जायेंगे ।