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    Saturday, April 20, 2024
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      शिक्षा मंत्री के बयान से नियोजित शिक्षकों में आक्रोश, वर्खास्तगी की मांग

      कतरीसराय,नालंदा (एस.भारती)। पिछले दिनों बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी के आए बयान कि नियोजित शिक्षक बिहार के बोझ हैं, नियोजित शिक्षक शिक्षा तंत्र पर भारी पड़ रहे हैं। उनके ऐसे बयान ने शिक्षकों को अंदर से झकझोर कर रख दिया है और वे काफी आक्रोशित नजर आ रहे है।  

      शिक्षा मंत्री के बयान के विरोध में मंगलवार को बीआऱसी भवन बादी के सभागार में शिक्षकों ने एक बैठक की।

      इस बैठक में प्रारंभिक शिक्षक संध के प्रखंड अध्यक्ष शंभु शरण व टीईटी के धीरेन्द्र कुमार ने कहा कि इस तरह का व्यान देना शिक्षा मंत्री की  कमियों को  उजागर करता है। इस बोझ का जिम्मेदार कौन है। तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिन्होंने 2003 के शिक्षा मित्रों को नियोजित शिक्षक बना कर 2006 में नियोजित किया था तथा प्रथम दूतीय तृतीय चरण में शिक्षक नियोजन किया।  नियोजित शिक्षक की दक्षता परीक्षा व टीईटी परीक्षा से योग्ता के पैमाने को देखा 2017 में। शिक्षा मंत्री का बयान आया नियोजित शिक्षक बोझ है ।  इतने वर्षों के बाद आपको समझ में आया है। इतने वर्षों में एक नौनिहाल युवा बन कर मैट्रीक इंटर कर लेता है।

      शिक्षक नेताओं ने कहा कि अपने सरकार द्वारा बहाल शिक्षक को इतना भी कुशल नहीं बना पाए कि वो शिक्षा प्रदान कर सके। जबकि सत्य है कि नियोजित जहां है ,सक्षम है। शिक्षकों को अपने लायक नहीं बना पाना सरकार की कमी को उजागर करता है।

       वहीं टीईटी के प्रखंड अध्यक्ष अशोक कुमार भारती व परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ , नालन्दा  के जिला अध्यक्ष  रौशन कुमार ने कहा कि सूबे के शिक्षामंत्री अशोक चौधरी द्वारा हम नियोजित शिक्षकों को बोझ कहकर शिक्षक समाज को अपमानित किया गया है ।

      उन्होंने कहा कि शिक्षामंत्री स्वंय बिहार के बोझ है । इनके मंत्री काल में लगातार दो बार से टॉपर घोटाला , बच्चों को दो वर्षों से किताब उपलब्ध नहीं कराना , नियोजित शिक्षकों को आठ माह से वेतन नहीं देना, नियोजित शिक्षकों के तीन माह में सेवा शर्त लागू करना था पर तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी सेवा शर्त लागू नहीं करना , बच्चों को छात्रवृत्ति, पोशाक, साईकिल  के राशि समय से नही देना, प्रत्येक दिन नया नया बयान देकर शिक्षामंत्री अपनी विफलता को छुपा रहे है।  शिक्षकों को बोझ कहकर अपमानित कर रहें हैं । सभी शिक्षक संध ने माननीय मुख्यमंत्री से मांग कर रहे है। शिक्षा मंत्री मानसिक संतुलन खो चुके हैं।  इन्हें अविलंब बरखास्त किया जाए।

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