“अंततः 3 दिन बाद खूंटी सांसद कड़िया मुंडा के आवास से अपहृत जवान रिहा हो गए। हालांकि चौंकाने वाला यह है कि अब तक पुलिस सिर्फ तीन जवानों की तलाश कर रही थी, मगर रिहाई चार जवानों की हुई है”।
रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। करीव 3000 जवानों के साथ पत्थलगड़ी के नाम पर उपद्रव कर रहे नेताओं और उनके समर्थकों को पकड़ने और अपहृत जवानों की तलाश में खूंटी के गांवों के हर घर में घुसने का दावा कर रहे पुलिस अधिकारियों को खुद नहीं मालूम था कि उनका एक अन्य जवान कब और कैसे उपद्रवियों के चंगुल में फंस गया।
पत्थलगड़ी के नाम पर उपद्रव करने वालों ने जवानों को एक पर्ची दी थी, जिसमें बताई जगह पर पुआल में छिपाई गईं तीनों इंसास रायफल, मैगजीन और वर्दी भी मिल गई।
शुक्रवार को अल-सुबह इन जवानों को आंखों पर पट्टी बांधकर उपद्रवियों ने उलिहातू मार्ग पर पीड़ीटोली के पास छोड़ दिया, जहां से ये पैदल सैको थाना पहुंचे। सांसद कड़िया मुंडा के घर से अपहृत विनोद केरकेटटा,सियोन सुरीन, सुबोध कुजूर के साथ चौथा जवान नागेंद्र कुमार सिंह भी शामिल था।
चौथे जवान के बारे में पूछने पर खूंटी एसपी बोले- ये आईजी साहब ही बता पाएंगे।
आईजी नवीन कुमार सिंह ने बताया कि घाघरा गांव में पत्थलगड़ी रोकने पहुंची पुलिस से उपद्रवियों की मंगलवार को झड़प हुई थी। उस समय जवान नागेंद्र कुमार सिंह पुलिस पार्टी के साथ था।
तबीयत खराब होने पर वह पानी पीने के लिए सांसद कड़िया मुंडा के आवास की ओर गया था। इसी दौरान उपद्रव शुरू हुआ और उपद्रवी सांसद के घर में घुस गए। यहां तीन हाउस गार्ड्स का अपहरण कर लिया। नागेंद्र को भी उठा ले गए।
अधिकारियों का कहना है कि पुलिस की सख्ती से उपद्रवियों ने सभी जवानों को रिहा कर दिया। अपहृत जवानों को उलिहातू मार्ग पर छोड़ा गया। वहां से पैदल चलते हुए चारों करीब साढ़े तीन बजे सैको थाना पहुंचे। चार बजे इसकी सूचना एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा को दी गई। फिर चारों जवानों को खूंटी ले जाया गया।
आईजी ने कहा कि भले ही जवानों की वापसी हो गई है, लेकिन पुलिस का अभियान अगले आदेश तक जारी रहेगा। सर्च अभियान चल रहा है।