अन्य
    Friday, April 19, 2024
    अन्य

      रिश्वतखोरी को लेकर फिर सुर्खियों में पुलिस मेंस एसोसिएशन का मंत्री-जमादार मो. जहांगीर

      एक ओर जहां बिहार के सीएम नीतीश कुमार घूसखोर को पकड़वाने वाले को इनाम देने के ठींढोरे पीट रहे हैं, वहीं उन्हीं के गृह जिले नालंदा में रिश्वतखोरी का ऑडियो-वीडियो आए दिन वायरल हो रही है। जिसमें शीर्ष जिम्मेवार पदाधिकारी भी नंगे दिखते हैं…”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। ताजा खबर है कि दीपनगर थाना क्षेत्र के मघड़ा गांव में संपत्ति विवाद को लेकर तीन भाइयों के बीच आपस में मारपीट की घटना हुई थी। इस वारदात को लेकर एक पक्ष की ओर से दीपनगर थाना में मारपीट का मामला दर्ज कराया गया था।

      उसी मामले को लेकर दीपनगर थाने में पदस्थापित एएसआई मो. जहांगीर द्वारा आरोपी रंजीत कुमार से फोन पर ही पूरे केस को कमजोर करने व कोर्ट से आसानी से बेल दिलाये जाने की बात कह 15 हजार रुपये की मांग की। जिसकी ऑडियो आरोपी द्वारा बना लिया गया था।crupt nalanda police 1

      इसी रिकार्डिंग का पता जब आईओ मो. जहांगीर को चला, तब से वह खफा चल रहा था। बीते दिन उसी संपति को लेकर फिर विवाद हो गया तो तो विरोधी भाई द्वारा थाना फोन कर पुलिस बुलाई गई।

      कहा जाता है कि इस सूचना पर फिर से वही एएसआई मोहम्मद जहाँगीर गए और बतौर नजराना पैसे की मांग करने लगे, जिसका रणजीत ने ऑडियो-वीडियो बनाने लगा। इससे बौखलाए जहाँगीर ने उसके साथ हाथापाई करते हुए मोबाइल छीन अपने पास रख लिया तथा धमकी दिया कि मीडिया में ऑडियो व वीडियो वायरल किया तो अंजाम बुरा होगा और सभी परिवार को केस में फंसा देंगे, जिससे जीवन भर छुटकारा नहीं मिलेगा।

      इधर पीड़ित रंजीत की पत्नी मीडिया के माध्यम से न्याय की गुहार लगाते हुए पूरे मामले को सरकार तक पहुंचाने की गुहार लगा रही है, ताकि उस एएसआई पर कड़ी करवाई की जा सके। पीड़ित परिजन एकपक्षीय पुलिसिया कार्रवाई से वह काफी भयभीत दिख रही है।

      करीब 5 मिनट की वायरल ऑडियो में दो लोगों के बीच बातचीत हो रही थी। एक शख्स खुद को केस का आईओ बताते हुए कह रहा है कि कोर्ट ने डायरी की मांग की है। आप हमसे मिले भी नहीं। डायरी नहीं भेजेंगे तो जमानत कैसे होगी। बिना मिलने डायरी भेज देंगे तो जमानत रद्द हो जाएगी। जिस पर दूसरे शख्स कह रहे हैं कि वह दूसरे शहर में ड्यूटी कर रहे हैं। अगले दिन आकर मिलेगे। इसके बाद दूसरी ओर से कहा गया कि मेरा डेरा टिकूलीपर मस्जिद के समीप है। सुबह में आकर मिल लें। इसके बाद पूछा गया कि क्या करना होगा, कुछ आइडिया दे दीजिए। तब कहा गया कि 15 लेते आइएगा। कुछ धारा हटा देंगे। जिससे खड़े-खड़े जमानत मिल जाएगी। मिलने में डरिएगा नहीं। आपको गिरफ्तार नहीं करेंगे….

      बहरहाल, मनगढ़ंत कहानियां गढ़ फर्जी मुकदमों में फंसने में माहिर नालंदा पुलिस टीम के एएसआई मों. जहांगीर से जुड़ा यह कोई मामला नहीं है। खुद को पुलिस मेंस एसोसिएशन के मंत्री बताने वाला जमादार मो. जहांगीर खान को रिश्वतखोरी के मामले में पहले से ही चर्चित रहा है।

      इसके पूर्व भी नालंदा थाना और लहेरी थाना में पदास्थापन के दौरान भी इस जमादार के घुसखोरी के कंटेंट वायरल हो चुके है। फिर भी उसका पदास्थापन प्रमुख थानों में होता रहा है। जोकि सुशासन बाबू के पुलिस कंट्रोलरों की मानसिकता पर कड़े सवाल खड़ा करते हैं।

      संबंधित खबरें
      error: Content is protected !!