यहां 73 एकड़ का मलमास मेला सैरात भूमि है। इसके आधे से अधिक भाग पर अवैध अतिक्रमण है। मलमास मेला सैरात भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर बनाये गये होटल राजगीर गेस्ट हाउस के संचालक-स्वामी प्रशासनिक अधिकारियो के आदेश को तबज्जो नही देते है।
यही कारण है कि एक तरफ राजगीर गेस्ट हाउस के खिलाफ अंचल कार्यालय राजगीर मे अतिक्रमण वाद की कार्रवाही चल रहा है, तो दूसरी तरफ राजगीर गेस्ट हाउस के तीसरे तल्ले की ढलाई शुक्रवार को युद्ध स्तर पर हो रही है । इस गेस्ट हाउस के स्वामी पर नगर कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा अलग-अलग एक नही दो-दो नोटिस निर्गत कर निर्माण कार्य पर रोक लगाने का निर्देशा जारी किया गया है। इसके बावजूद अवाधित गति से निर्माण कार्य जारी है।
प्रशासनिक अधिकारियो के नोटिस का कोई असर गेस्ट हाउस के मालिक-संचालक पर नही है। वे अधिकारियों के नोटिस का तवज्जो नहीं देते है। यही कारण है कि अनेक नोटिस और आदेश जारी होने के बाद भी निर्माण कार्य बंद नही कराए गए हैं।
राजगीर में अब आम चर्चा होने लगी है कि राजगीर गेस्ट हाउस के संचालक राजगीर के अधिकारियों पर भारी पड़ रहे है। अधिकारी उनके पैसे और पहुच के मुरीद हो गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार यहां के कई अधिकारी इस अतिक्रमणकारी के साथ कुछ होटलों में लजीज व्यंजनों का आनंद लेते हैं ।
इसका खुलासा कुछ होटलों के सीसीटीवी फुटेज को खंगालने से हो सकता है। चर्चा है कि यह सभी नोटिस महज खानापूरी के लिए की जा रही है न की सरकार के आदेश के अनुपालन कराने के लिए। राजगीर के नगर कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा निर्गत दूसरी नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि निर्माण कार्य तुरंत बंद करें और भूमि भवन से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करे।
लेकिन गेस्टहाउस के स्वामी ने काम बंद करने के वजाय नोटिस लेने से ही साफ इंकार कर दिया। 6 जून तक भूमि भवन से संबंधित दस्तावेज दिखाने का आदेश दिया गया था। लेकिन आज 9 तारीख बीतने के बाद भी नगर कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
नगर कार्यपालक पदाधिकारी के अनुसार नगर पंचायत में किसी भी भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराना जरूरी है । लेकिन राजगीर गेस्ट हाउस के स्वामी ने ऐसा नहीं किया है । बिना नक्शा पास कराए ही भवन का निर्माण अबाधित गति से कराया जा रहा है , जो नगरपालिका अधिनियम के अनुकूल नहीं है।
चर्चा है कि स्थानीय अधिकारी गेस्ट हाउस स्वामी के आगे घुटने टेक दिए है। उनके रसूख और रुतवे के सामने राजगीर के पदाधिकारी बौने साबित हो रहे है। तभी तो अधिकारियों के आदेश को महत्व नहीं देते है ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी राजगीर द्वारा मलमास मेला सैरात भूमि को खाली कराने का आदेश दिया गया है। लेकिन अब तक उस आदेश का अनुपालन नहीं कराया गया है ।
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी नालंदा ने सैरात भूमि पर बनी होटलो के बिजली – पानी कनेक्शन काटने का आदेश पारित किया है ।उनके भी आदेश का अनुपालन आज तक नहीं कराया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि स्थानीय पदाधिकारी इस भू-माफिया के गोद में जाकर बैठ गए हैं।
जानकार बताते हैं कि राजगीर गेस्ट हाउस के तीसरे तल्ले के ढलाई की सूचना राजगीर के अंचलाधिकारी और नगर कार्यपालक पदाधिकारी को मोबाइल से दी गई थी। दोनों पदाधिकारियों ने कार्यवाही करने से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वे नगर पंचायत के मुख्य पार्षद और उपमुख्य पार्षद के चुनाव में बतौर दंडाधिकारी के रूप में तैनात है । इसलिए वहां जाना उनके लिए संभव नहीं है।