एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (मुकेश भारतीय)। नालंदा जिले के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर प्रक्षेत्र अवस्थित मलमास मेला सैरात भूमि पर काबिज बड़े माफिया-अतिक्रमणकारयों एवं उनके सहयोगी बने अफसर-कर्मियों के खिलाफ आज कभी भी एफआईआर दर्ज हो सकती है।
राजगीर के आरटीआई एक्टिविस्ट पुरुषोतम प्रसाद द्वारा लोक शिकायत निवारण प्रथम अपीलीय प्राधिकार में दायर वाद की सुनावई के दौरान अपने अंतरिम आदेश में पटना प्रमंडलीय आयुक्त आन्नद किशोर ने नालंदा के डीएम के अधिकृत लोक प्राधिकार को 24 घंटे के अंदर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर 36 घंटे के भीतर रिपोर्ट करने के निर्देश दिये हैं।
प्रमंडलीय आयुक्त के आदेश के आलोक में राजगीर भूमि उपसमाहर्ता प्रभात कुमार ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज को बताया कि बीते कल वे पटना हाई कोर्ट में थे और वे देर रात राजगीर वापस लौटे हैं। आज वे प्रमंडलीय आयुक्त के अंतरिम आदेश के आलोक में राजगीर थाना में एफआईआर दर्ज की लिखित आवेदन देगें।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार फिलहाल मलमास मेला सैरात भूमि की फर्जी जमाबंदी करा कर आलीशान होटल बनाने वाले चिन्हित अतिक्रमकारी भू-माफिया शिवनंदन प्रसाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई की जायेगी।
उसके साथ फर्जी जमाबंदी व लगान निर्धारण करने-कराने में संलिप्त तात्कालीन अंचलाधिकारी, भूमि उप समाहर्ता, राजस्व कर्मचारी समेत कई अन्य सरकारी बाबूओं को नामदज किया जाना तय है।
बता दें कि राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि को अतिक्रमित कर भू-माफिया शिवनंदन प्रसाद ने एक आलीशान ‘राजगीर गेस्ट हाउस’ नामक होटल का निर्माण कर लिया और बाद में फर्जी कागजातों के सहारे विभागीय सांठगांठ से उसकी जमाबंदी कराते हुये लगान भी निर्धारण करा लिये।
राजगीर बिचली कुंआ निवासी आरटीआई एक्टीविस्ट पुरुषोतम प्रसाद द्वारा इस मामले की शिकायत लोक शिकायत निवारण प्राधिकार में की गई। जिसकी सुनवाई के दौरान एक अंतरिम आदेश के तहत पहले उक्त भूमि की जमाबंदी व लगान निर्धारण रद्द करने की कार्रवाई की गई।
उसके बाद वादी श्री प्रसाद ने प्रमंडलीय आयुक्त श्री किशोर के प्राधिकार में राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि की फर्जी तरीके से अवैध जमाबंदी करने-कराने एवं लगान निर्धारण करने – कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की शिकायत दर्ज की।
इस शिकायत की सुनवाई के दौरान नालंदा डीएम को दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये, लेकिन उनके स्तर से एक 3सदस्यीय जांच कमिटि बना कर टाल-मटोल की नीति अपनाई जाने लगे। उनके द्वारा गठित जांच कमिटि के लोग भी एक-दूसरे पर इस मामले में फेंका-फेकी करते रहे।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार नालंदा जिला प्रशासन की इस फेंका-फेंकी से अजीज प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने वादी की मौखिक शिकायत पर अधिकृत लोक प्राधिकार को 24 घंटे के भीतर चिन्हित व दोषी अतिक्रमणकारियों एवं उसके सहयोगी विभागीय अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा 36 घंटे के भीतर सशरीर उपस्थित हो सूचित करने के आदेश निर्गत किये।
प्रमंडलीय आयुक्त आंनद किशोर के आदेश के आलोक में आज 12 अप्रैल दिन 12 बजे सक्षम पदाधिकारी द्वारा एफआईआर दर्ज करा सशरीर सूचित करने की समय सीमा समाप्त हो रही है।
अब देखना है कि राजगीर पुलिस इस मामले में कितनी तत्परता से अपनी कार्रवाई करती है। हालांकि वर्तमान में पदस्थ राजगीर थाना प्रभारी एवं डीएसपी का जो चेहरा सामने आया है, उस आलोक में फौरिक निष्पक्ष कार्रवाई पर लोग संदेह प्रकट कर रहे हैं।