पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। आज 26 दिसम्बर 2018 से सूबे के सभी आइटी मैनेजर अपनी मांगो के लेकर चरणबद्ध आंदोलन पर उतर आए हैं और वे काला बिल्ला लगाकर कार्य कर रहें हैं।
आइटी मैनेजरों ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लिखे पत्र में लिखा है कि आईटी प्रबंधकों एवं आईटी सहायकों का नियोजन बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी (सामान्य प्रशासन विभाग) द्वारा किया गया है।
आईटी मैनेजर्स एसोसिएशन बिहार द्वारा समय-समय पर संघ के लंबित माँगों पर विचार हेतू विभाग को अवगत कराया गया है, किन्तु खेद है कि संघ के लंबित मांगों पर संघ द्वारा पटना में एक दिवसीय राज्यस्तरीय शांतिपूर्ण मिशन घेराव कार्यक्रम के दौरान धरना स्थल पर मौजूद दण्डाधिकारी की उपस्थिति में अपर मिशन निदेशक डॉ. प्रतिमा वर्मा से दिनांक 24-04-2017 को उनके कार्यालय कक्ष एवं दिनांक 13-09-18 को मिशन कार्यालय में हुई सकारात्मक वार्ता के बाद भी विभागीय स्तर से न्यायोचित लंबित मांगों पर कोई पहल नहीं की गयी है। इससे संघ के सदस्यों के बीच आक्रोश व्याप्त है।
ज्ञातव्य हो कि संघ के लंबित मांगों में एक “सम्मानजनक मानदेय वृद्धि “ हेतु बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी के शासी परिषद के आहूत बैठक दिनांक 11-03-2015 में सर्वसहमति से निर्णय लिया गया था कि इन कर्मियों का मानदेय वृद्धि हेतु एक वैज्ञानिक फार्मूला बना लिया जाए।
किन्तु तीन वर्षों से अधिक समय व्यतीत हो जाने के बावजूद भी अभी तक ना तो विभागीय स्तर पर मानदेय वृद्धि हेतु कोई वैज्ञानिक फार्मूला बनायी गयी है और ना ही इन कर्मियों का मानदेय वृद्धि की गयी है।
जबकि विगत तीन वर्षों में महंगाई चरम सीमा को पार कर गयी है। शासी परिषद् मिशन की सर्वोपरि प्रशासनिक इकाई है, फिर भी उनके निर्णय को ताक पर रख दिया गया है।
वर्ष 2015 के बाद मिशन द्वारा चार– पांच बार शासी परिषद की बैठक की गयी किन्तु कर्मियों के हितों में कोई सम्मानजक निर्णय नहीं लिया गया जो चिंताजनक है।
शासी परिषद् के अनेक बार बैठक होने के उपरांत तथा एक लंबी अवधि बीत जाने के बाद भी मिशन निदेशक द्वारा लंबित माँगों की पूर्ति की दिशा में कोई पहल नहीं की गयी है।
अंतत: दोनों संघों ने विवश होकर अपने शोषण के विरुद्ध सर्वसहमति से दिनांक 26-12-2018 से अपनी माँगों की पूर्ति होने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है। सरकार एवं मिशन द्वारा आई.टी. प्रबंधकों के न्यायोचित मांगों पर विगत वर्षों में ध्यान नहीं देते हुए दरकिनार करने के कारण संघ द्वारा माँग पूर्ण होने तक के लिए चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत करने का निर्णय गया है, जिसकी शुरुआत दिनांक 26.12.2018 से 02.01.2019 तक काला बिल्ला लगाकर कार्य करने से होगा।
आइटी मैनेजरों ने सीएम से विषयांकित मामले में अपने स्तर से पहल करते हुए दोनों संगठनों के लंबित माँगों की शीघ्र पूर्ति हेतु मिशन निदेशक सह प्रधान सचिव , सामान्य प्रशासन विभाग , बिहार को निर्देशित करने की मांग की है।
अन्यथा हड़ताल से आम जनता को होने वाली क्षति या विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की सारी जवाबदेही बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी, पटना के वरीय पदाधिकारियों की होगी।
सेवा नियमित एवं ग्रेड पे का निर्धारण होने तक माँग निम्नलिखित है-
1.सम्मानजनक बेसिक मानदेय का निर्धारण किया जाए (सहायक अभियंता के तर्ज पर बेसिक मानदेय का निर्धारण किया जाय )।
2.मानदेय में 10% की वार्षिक वृद्धि की जाए।
3.मुख्य सचिव –सह – अध्यक्ष , शाषी परिषद द्वारा दिनांक 15.03.2018 एवं 24.05.2018 को मानदेय निर्धारण / वृद्धि के सम्बन्ध में शाषी परिषद की बैठक में लिया गया निर्णय को दिनांक 01-01-2018 के प्रभाव से तत्काल लागू किया जाए।
4.उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा ( एक ही बार सेवा विस्तार , अवकाश ,सेवा संधारण पुस्तिका , महंगाई भत्ता, PF इत्यादि ) कों अविलंब लागू किया जाए।
अपनी मांगों को लेकर काला बिल्ला लगा आंदोलन पर उतरे लोगों में श्री आशीष कुमार, नालंदा आइटी मैनेजर सह अध्यक्ष बिहार आइटी मैनेजर एसोसिएशन, सचिन कुमार,आइटी मैनेजर BPSM, उपाध्यक्ष, सुदामा कुमार, आइटी मैनेजर, योजना विभाग सह महासचिव, शकील अहमद, आइटी मैनेजर, सामान्य प्रशासन, श्याम मोहन दुबे, आइटी मैनेजर, गृह विभाग, कुमारी दीक्षा, आइटी मैनेजर, वैशाली, रूपा, आइटी मैनेजर, भोजपुर, स्नेहलता, आइटी मैनेजर, पीएचईडी, अविनाश कुमार, आइटी मैनेजर स्वास्थ्य आदि समेत सभी लोग शामिल हैं।