“न्यू पटना पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों के हंगामा पर काबू पा लिया गया है। एसएसपी मनु महाराज के साथ हुए समझौते के अनुसार मृतक के परिजन को उचित मुआवजे के साथ एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। वहीं सार्जेंट मेजर मो. मसलुद्दीन पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। हालांकि…..”
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार पुलिस मुख्यालय के नये भवन के उद्घाटन के मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव सहित पुलिस के आला अधिकारियों के मौजूदगी में जो कुछ कहा था, इस पुलिस बवाल के साथ फिर सुर्खियों में आ गया है। तब सीएम ने कहा था कि ‘क्या सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ दीजिएगा ’।
सीएम के इस कथन को कहे अभी माह भर भी नहीं बिता था कि शुक्रवार को पटना पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों का उत्पात ने साबित कर दिया कि बिहार पुलिस में कुछ भी सही नहीं चल रहा हैं।
ट्रांसफर ,पोस्टिंग यहाँ तक की पुलिसकर्मियों की वैधानिक छुट्टी भी साहेब के रहमो-करम पर हैं। कम संसाधन में विधि-व्यवस्था, वरीय पुलिस के लिए चुनौती है तो ट्रेनी पुलिसकर्मी इसे अपना हक समझते है।
चूकि नये पुलिसकर्मी गुलाम देश नहीं बल्कि स्वतंत्र भारत और आधुनिक विचार के साथ अपने हक अधिकार को जानते हैं। सच तो यह है की नये पुलिसकर्मी अनुशासन से अधिक अपने अधिकार को समझते हैं।
छुट्टी का विवाद पुलिस के सभी विभागों में है और कब, किस पदाधिकारी पर गंभीर आरोप, महिला पुलिसकर्मी लगा दे, यह भी कहना मुश्किल हैं।
महिला पुलिसकर्मियों से विधि -व्यवस्था का संचालन जिले के पुलिस अधीक्षक के लिए चुनौती बनी हुई हैं। इसलिए इन्हें अधिक से अधिक यातायात और कार्यालय में कार्य लिया जा रहा हैं।
महिला पुलिसकर्मियों का काभी संख्या में नीतीश सरकार ने बहाल कर सुर्खियां बटोरने का काम तो जरूर किया लेकिन यहीं महिला पुलिसकर्मी नीतीश सरकार के सुशासन की छवि के लिए एक चुनौती बन गयी हैं।
शुक्रवार को छुट्टी नहीं मिलने के कारण एक महिला पुलिसकर्मी का सही समय पर यथा संभव इलाज नहीं हो सका और मौत हो गयी। इससे पहले एक ट्रेनी महिला ने बीएमपी के इंस्पेक्टर पर छेड़खानी करने का आरोप लगाया हैं। इससे भी ट्रेनी पुलिसकर्मी आक्रोशित थे।
पुलिस लाइन, पटना में भारी उत्पात के बीच गोलीबारी और हिंसक हमला ने किसी को नहीं छोड़ा हैं। कई पुलिस अधिकारी ने जान बचाकर भागा तो कई पुलिस पदाधिकारी जख्मी हुये। यहाँ तक की पत्रकारों और आम जनता को भी निशाना बनाया गया हैं । क्या पुलिस की इसी अनुशासन से राज्य में सुशासन होगी।
सूत्रों की मानें तो पुलिस मुख्यालय में डीजीपी ,एडीजी और आईजी स्तर के अधिकारी कार्रवाई को लेकर बैठक कर रहें हैं। सीएम नीतीश कुमार भी इस घटना से आहत हैं। सीसी टीवी फुटेज के जरिए उत्पाती पुलिसकर्मियों की पहचान कर सीधे बर्खास्त की कार्रवाई की तैयारी की जा रहीं हैं।