एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि बन्दोवस्ती में बरती गई भारी अनियमियता का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हालांकि इस खुला बंदोवस्ती प्रक्रिया में नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी की भूमिका अहम होती है लेकिन, विभिन्न स्रोतों से जिस तरह की जानकारी मिली है कि उससे प्रतीत होता है कि इस खेल में राजगीर एसडीओ, डीएसपी और थाना प्रभारी जैसे अफसर संदिग्ध नजर आते हैं। लगता है कि सब कुछ पहले से ही फिक्स था।
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज के साथ मोबाईल पर अशोक यादव नामक एक बंचित संवेदक ने कल अनुमंडल सभागार में हुई मलमास मेला सैरात की बंदोवस्ती को लेकर हुई बातचीत में सीधा आरोप लगाया है कि सब कुछ एसडीओ के ईशारे पर की गई है।
बकौल अशोक यादव, हर जगह राजगीर एसडीओ के हवाले से रोका जा रहा था। मजिस्ट्रेट की बात हो रही थी। कागज-पत्तर की पड़ताल के नाम पर रोका गया। बिना पार्दशिता अपनाये 5 मिनट के अंदर हीं संजय सिंह के नाम पर बंदोवस्ती कर दी गई।
उधर, राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि के बंदोवस्त संवेदक संजय सिंह का कहना है कि उन्होंने यह निविदा राजगीर के सम्मान के लिये भरा था। ठीक निर्धारित समय पर एसडीओ कार्यालय सभागार में पहुंचे। वहां कई लोग मौजूद थे। 11 बजकर 3 मिनट पर बदोबंस्ती प्रक्रिया शुरु हुई। उसमें शामिल जिस भतीजा की बात की जा रही है, उससे उनका 36 का आकड़ा है। वह उनके बंदोवस्ती प्रक्रिया में मदद नहीं बल्कि खलल डालने की मंशा से शरीक हुआ था।
बकौल संजय सिंह, वे राजगीर के एक सामान्य व्यवसायिक नागरिक है, उनकी पहुंच-पैरवी इतनी नहीं है कि वे कोई टेंडर मैनेज कर सकें। उन पर आरोप लगाने वाले वे लोग हैं, जो नहीं चाहते हैं कि बंदोवस्ती किसी संवेदक के नाम हो। उनकी मंशा है कि किसी तरह इस बंदोवस्ती को बाधित किया जाये और सारे काम नगर पंचायत के जरिये हो ताकि वे मनमानी कर सकें।
बहरहाल, बात कुछ भी हो। आरोप-प्रत्यारोप एक उच्चस्तरीय जांच का विषय है। नालंदा डीएम से मामले की जांच कार्रवाई की मांग करने वालों में प्रमुख रहे अशोक यादव की एक्सपर्ट मीडिया न्यूज के साथ हुई बातचीत की ऑडियो जारी कर रहे हैं। आवश्कता हुई तो संवेदक संजय सिंह के नंबर पर उनसे हुई बातचीत की ऑडियो जारी करेगें।
हालांकि इस आरोप पर राजगीर एसडीओ का पक्ष लेने का हरसंभव प्रयास किया गया लेकिन, उन्होंने आदतन कभी मोबाईल रिसीव नहीं किया।