“इस गोदाम में रासायनिक खाद और अनाज का भंडारण होता था। उसी में संचालित किचन के बॉयलर में विस्फोट में चार मजदूर मारे गये। हादसे के बाद से गोदाम मालिक और एनजीओ के संचालक फरार हैं……..”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। पूर्वी चंपारण के सुगौली में विगत दिनों भीषण बॉयलर विस्फोट की घटना सरकारी संरक्षण में लूट और मौत के खेल का बडा़ नमूना है। जहां हादसा हुआ,वह जगह एक भाजपा नेता का गोदाम था।
हादसे के बाद 17 नवंबर को मौका-मुआयना करने गयी भाकपा-माले की एक उच्चस्तरीय जांच टीम ने सुगौली से लौटकर ये बातें कहीं।
टीम ने कहा, प्रशासन और एनजीओ की इस मामले में चुप्पी बनी हुई है और इतने बड़े हादसे पर मुख्यमंत्री अथवा बयानवीर उपमुख्यमंत्री का कोई बयान नहीं आया है।
टीम ने इस भीषण घटना के लिए राज्य सरकार, जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और एनजीओ को सम्मिलित रूप से जिम्मेवार ठहराया है।
टीम ने कहा, नीतीश राज में विभिन्न संस्थानों में एनजीओ के व्यापक हस्तक्षेप से इस प्रकार की घटनाएं लगातार घट रही हैं। एनजीओ के मार्फत सरकारी विद्यालयों में भोजन बनाने के निर्णय से छात्रों का तो भला नहीं हो रहा है, लेकिन ऐसे संस्थानों की चांदी है। लूट व लापरवाही चरम पर है।
जांच टीम और माले की पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा, पूर्वी चंपारण जिले के सुगौली में मध्यान्ह भोजन के लिए एनजीओ संचालित केंद्रीकृत किचेन के बाॅयलर में महा विस्फोट की जांच करने टीम रविवार को वहां पहुंची थी। टीम ने घटना स्थल, स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और मोतिहारी सदर अस्पताल का दौरा किया गया।
टीम में भाकपा माले विधायक सह खेग्रामस के सम्मानित राज्य अध्यक्ष सत्यदेव राम, पार्टी के पूर्वी चंपारण के सचिव प्रभुदेव यादव, विष्णुदेव यादव आदि थे।
झा के मुताबिक सुगौली बाजार से पहले ही बंगरा गांव में भाजपा नेता रामगोपाल खण्डेवाल का रोड के किनारे गोदाम था, जिसमें चावल, यूरिया आदि का भंडारण होता था।
इसी कैंपस में पिछले महीने 16 अक्टूबर को केंद्रीकृत किचेन का उद्घाटन जिला शिक्षा पदाधिकारी और बीडीओ ने किया। केंद्रीकृत किचेन का ठेका ‘नवप्रयास’ नामक एनजीओ को दिया गया था और उसके संचालक नरेंद्र कुमार सिंह हैं।
उन्होंने बताया कि नवप्रयास को 57 स्कूलों के 1100 बच्चों को मिड डे मिल पहुंचाने का ठेका मिला था। बड़ा बॉयलर मुख्य सड़क के समीप पर कच्ची बुनियाद पर खड़ा किया गया था। इसको लेकर सुरक्षा अथवा अन्य मानकों का अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं लिया गया था।
कोयला झोंक कर स्टीम तैयार किया जाता था और उस स्टीम से भोजन बनता था। 13 मजदूर बॉयलर चलाने, भोजन बनाने और अन्य कार्य मे लगे थे जो दिन-रात यहीं रहते थे। भोजन बन जाने पर अन्य मजदूर और वाहन ड्राइवर आते थे जो स्कूलों में भोजन पहुंचाते थे।
माले नेता ने बताया कि 16 नवम्बर की सुबह सभी मजदूर अपने काम मे लग गये। सब्जी, दाल और चावल की व्यवस्था होने लगी। बॉयलर चलाने वाले मजदूर ने कहा कि बायलर चालू हो रहा है, आपलोग अपना काम शुरू कर दो। तकरीबन 4.50 में महाविस्फोट हुआ। पूरा इलाका थर्रा गया। बॉयलर का हजारों किलो का ऊपरी हिस्सा उड़ कर रोड के उस पार 100 मीटर की दूरी पर गिरा। आफिस की दीवार ध्वस्त हो गयी। बगल के मकान का दीवार भी दरक गयी। लाश का चिथड़ा-चिथड़ा उड़ कर रोड और धान के खेत में चला गया।
माले नेता के मुताबिक चीख-पुकार सुनकर अगल-बगल के लोग दौड़े और लोगों ने ईंट के तले दबे घायल कराहते लोगों को निकाला और उन्हें अस्पताल भिजवाया। तीन मजदूरों की मौत तो घटनास्थल पर ही हो गयी और एक अस्पताल जाने के क्रम में दम तोड़ दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि 6 से ज्यादा मजदूर मरे हैं। 13 मजदूर जो उस रात वहां थे, की पूरी रिपोर्ट आने पर ही पूरी स्थिति साफ होगी।
उन्होंने बताया कि मजदूर स्थानीय नहीं थे। वे अगल-बगल के प्रखंडों के थे, इसलिए भी पूरी स्थिति साफ नहीं हुई है। इस हादसे में साला-बहनोई एक साथ इसमें मरे हैं। ज्यादातर मजदूर 20 से 30 साल के थे। मृतक परिवारों जिनकी पहचान हो चुकी है, को अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला है।
मोतिहारी सदर अस्पताल में गुड्डू और नवीन कुमार का इलाज चल रहा है। उन्हें बेड भी नही मिला है। सीरियस हेड इंज्यूरी रहने के बावजूद कल रात तक स्कैन भी नहीं हुआ है।
इलाजरत मजदूर नवीन कुमार की मां मालती देवी ने कहा कि अभी तक कोई हाकिम देखने भी नहीं आया है। हम लोग पैसा उधार लेकर ईलाज करवा रहे हैं। अन्य लापता मजदूरों की खोज खबर लेने वाला कोई नहीं है। सरकार और प्रशासन मामले को दबाने में लगा है।
माले नेता ने कहा कि इस घटना की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए। प्लांट में कार्यरत मजदूरों की स्थिति, श्रम विभाग के निबंधन, बॉयलर आदि की शेफ्टी को लेकर राज्य सरकार बिहार की जनता को रिपोर्ट दे और केंद्रीकृत किचेन-एनजीओ के प्रबंधन पर रोक लगाये तथा स्कूल आधारित मध्यान्ह भोजन व्यवस्था को मजबूत बनाये।
भाकपा-माले और बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ मृतक परिजनों को 10 लाख रु. मुआवजा, घायलों का समुचित इलाज, घटन के लिए जिम्मेवार भाजपा नेता रामगोपाल खंडेलवाल और नवप्रयास एनजीओ के संचालन नरेन्द्र सिंह को गिरफ्तार करने, उस एनजीओ को अविलंब काली सूची में डालने आदि की मांग करता है।