“नालंदा जिले के इस्लामपुर क्षेत्र में भाकपा (माले) उग्रवाद फैलाने की राह पर है। पहले इस पार्टी ने एक किसान की फसलें लूट लेता है और फिर जब उसकी थाने में शिकायत दर्ज की जाती है तो विरोध प्रदर्शन में जुट जाती है।“
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। भाकपा (माले) ने कल 9 अप्रैल को इस्लामपुर प्रखंड मुख्यालय पर कथित झूठा मुकदमा वापस लेने की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन करने की घोषणा की है।
हालांकि इस बाबत निवेदक भाकपा (माले) पंचायत कमिटि-आत्मा की ओर से जो विरोध-प्रदर्शन का पर्चा बितरित की गई है, उससे साफ स्पष्ट होता है कि यह पार्टी कानून से इतर उग्रवाद फैलाने में अधिक विश्वास करती है। गरीबो पर हो रहे अन्याय, शोषण व जुल्म अत्याचार की आड़ में कमजोर तबके के लोगों को शिकार बनाने का काम करती है।
लेकिन भाकपा (माले) इस्लामपुर-एकंगरसराय एरिया कमिटि सचिव उमेश पासवान की ओऱ से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। उसमें इस्लामपुर थाना कांड संख्या- 100/2018 वापस लेने एवं वर्तमान थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अगर मांगे नहीं मानी गई तो आगे अनुमंडल स्तर पर विरोध-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
दरअसल, इसलामपुर थाना के शरीफावाद गांव में भाकपा (माले) के उपद्रवियों द्वारा द्धारा विजेन्द्र साव नामक एक गरीब किसान की करीब 93 डिसमिल खेत में लगी गेहूं की फसल लूट ली गई।
यह घटना 28 मार्च की है। हरवे हथियार से लैस करीब 30-40 उपद्रवियों ने बिजेन्द्र साव की खेत फसल लूट ली। मना करने पर पूरे परिवार को जान मारने व मकान को गिराकर तहस नहस करने का चेतावनी दी।
माकपा माले के उपद्रवी इसके पहले भी उक्त किसान की फसल लूटते-लुटवाते आ रहे हैं।
इधर थाना प्रभारी सुबोध कुमार के अनुसार फसल लूट की हालिया घटना के बाद पीड़ित की लिखित शिकायत पर नौ नामजद व अन्य अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया गया है और सारे मामले की गहराई से छानबीन की जा रही है।
शरीफावाद गांव निवासी शिक्षक विजय भानु वर्मा कहते हैं कि भाकपा (माले) पार्टी के लोग उनपर आरोप लगाते हैं कि उनकी मिलीभगत से थाना में उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है। जबकि उनका इस मामले से कोई लेना देना नही है।
श्री वर्मा आगे बताते हैं कि शरीफावाद गांव में भाकपा (माले) के लोग लामबंद होकर दहशत फैला रहे हैं। जिसके कारण लोग शाम से पहले अपने घरों दुबक कर रहने को विवश है।
उन्हें भय है कि पार्टी के लोग कभी भी अप्रिय घटना को अंजाम दिया जा सकता है। ग्रामीण दहशत के महौल मे जी रहे है।
बता दें कि पार्टी के लोग जिस खेत में लगी फसल की लूट की घटना को बारम्बार अंजाम दे रहे हैं, वह जमीन स्व. भगवती देवी की थी और उसने गरीब किसान बिजेन्द्र साव वर्षों पूर्व दे डाली है।
अब भाकपा (माले) पार्टी के लोग उस गरीब किसान को उजाड़ फेंकने पर आमादा हैं। ताकि क्षेत्र में उनके वर्चस्व में कायम रह सके।
अब देखना है कि ‘उल्टे चोर कोतवाल को डांटे’ वाली कहावत चरितार्थ करने पर उतारु भाकपा (माले) पार्टी के उपद्रवियों से पुलिस प्रशासन आगे किस तरह कड़ाई से निपटती है।